हमारे देश को ‘सशक्त और समर्थ भारत’ बनाने में महिलाएं निरंतर अहम भूमिका निभाती रही हैं।
विभिन्न क्षेत्रों में इन महिलाओं की उल्लेखनीय उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए नीति आयोग ने ‘वुमन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया अवार्ड्स’ की शुरुआत की है।
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत इस वर्ष उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाली 75 महिलाओं को डब्ल्यूटीआई अवार्ड्स प्रदान किए गए।
पिछले 32 वर्षों से हसीना खारभीह भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में 30,000 महिलाओं के लिए एक सुरक्षित माहौल में सतत रूप से आजीविका प्रदान करने के लिए निरंतर काम करती रही हैं।
उनके गृह राज्य मेघालय में जिसकी शुरुआत एक मिशन के रूप में हुई थी, वह आज एक वैश्विक कार्यक्रम के रूप में विकसित हो गया है जिसका उद्देश्य दुनिया भर में मानव तस्करी और शोषण को समाप्त करना है।
उनका उत्कृष्ट मिशन दो स्तंभों पर अवस्थित है:
पहला स्तंभ इंपल्स एनजीओ नेटवर्क है जिसकी परिकल्पना वर्ष 1987 में की गई थी और यह आज मानव तस्करी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण ताकत है।
दूसरा स्तंभ इंपल्स सोशल एंटरप्राइजेज है जिसका उद्देश्य स्थानीय कारीगरों को बढ़ावा देना एवं सतत रूप से आजीविका सुनिश्चित करना है और जिसमें आठों पूर्वोत्तर राज्यों के 7000 से भी अधिक कारीगर शामिल हैं।
टीम इंपल्स का मानना है कि मानव तस्करी को पूरी तरह से तब तक नहीं रोका जा सकता है जब तक कि जमीनी स्तर पर महिलाएं आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर नहीं हो जाती हैं।
।। राम राम ।।
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