बताया गया ठाकुर को बलात्कारी, लाला सूदखोर तब
तक फिल्में समाज का आईना हुआ करतीं थी जब से
हिन्दू vs मुस्लिम वाली फिल्में बनने लगी हैं तब से
फिल्में आईना ना होकर प्रोपोगंडा कहलाने लगी हैं..!
जिनको नरसंघार करने में शर्म नही आई वो आज एक
फ़िल्म से खतरे में पड़ जाते है। इतना ही डर लगता है
तो ऐसा गंदा काम करते ही क्यो हो !!
।। राम राम ।।
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