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Showing posts from March, 2017

मूलभूत आय (Basic Income) की अवधारणा

गत माह संसद में प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 में सार्वभौमिक आधार पर भारत में मूलभूत आय (Basic Income) की शुरूआत करने की बात कही गई है। बिना किसी शर्त के समस्त नागरिकों को बेसिक आय की सुविधा देने से गरीबी और बेरोज़गारी जैसी समस्याओं से निपटने में निश्चित रूप से आसानी होगी। विदेशों में मूलभूत आय की अवधारणा – हाल के कुछ वर्षों में मूलभूत आय के विचार की वकालत कई देशों में की जा रही है। इस विचार के प्रवर्त्तक वामपंथी विचारक फिलिप वेन रहे हैं। उन्होंने अपनी पुस्तक ‘रियल फ्रीडम फॉर ऑल ‘ में लिखा है कि किसी व्यक्ति के अच्छे जीवन के विचार को मूलभूत आय के द्वारा उसे वास्तविक स्वतंत्रता प्रदान करके साकार किया जा सकता है। मूलभूल आय का अभिप्राय यह है कि सरकार अपने नागरिकों को किसी तरह की जाँच और काम के बिना एक निश्चित राशि उपलब्ध कराए। इसी तर्ज पर फिनलैण्ड ने 25 से 58 वर्ष तक के 2000 बेरोज़गारों को चुना है, जिन्हें वह प्रयोग के तौर पर 560 यूरो की राशि हर महीने प्रदान कर रहा है।यूरोप में इसे लोगों के रोज़गार की स्थिति को देखते हुए देने की बात कही जा रही है। बेसिक आय की अवधारणा को दूस

स्पेसएक्स’ पहला री साइकिल्ड रॉकेट प्रक्षेपित करने को तैयार

• ‘‘स्पेसएक्स’ बृहस्पतिवार को अपना पहला री साइकिल्ड रॉकेट प्रक्षेपित करने के लिए तैयार है। इसमें एक बूस्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में रह रहे अंतरिक्षयात्रियों के लिए भोजन और अन्य सामान पहुंचाया था। • यह प्रक्षेपण शाम 06.27 मिनट पर फ्लोरिडा के केप केनावेरल से किया जाना है। इसका लक्ष्य लग्जमबर्ग की कंपनी ‘‘एसईएस’ का एक संचार उपग्रह सुदूर कक्षा में पहुंचाना है। नासा लॉन्चपैड में खड़े सफेद ‘‘फाल्कन-9’ रॉकेट में एक लंबे स्तंभ के आकार का हिस्सा है, जिसे फस्र्ट स्टेज या बूस्टर कहा जाता है।  • यह पिछले साल मानवरहित ड्रैगन मालवाहक यान को अंतरिक्ष में ले गया था और फिर समुद्र में एक स्थान पर लौट आया था।  • अमेरिकी कंपनी स्पेसएक्स के प्रमुख एलन मस्क ने कहा कि इसके पीछे का उद्देश्य रॉकेट के हिस्सों को ऐसे दोबारा इस्तेमाल लायक बनाना है, जैसे की कारों, विमानों या साइकिलों के हिस्सों को किया जाता है।  • इस समय प्रत्येक प्रक्षेपण के बाद रॉकेटों के लाखों डॉलर मूल्य के हिस्से फेंक दिए जाते हैं। *******

आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को मिलेगी पीएफ की सुविधा

• कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के न्यासी बोर्ड ने 2017-18 में ईटीएफ में निवेश मौजूदा के 10 फीसद से बढ़ाकर 15 फीसद करने के प्रस्ताव को टाल दिया है। हालांकि केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने आंगनवाड़ी, आशा और मध्यान्ह भोजन के करीब 62 लाख कामगारों को ईपीएफओ संचालित सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में लाने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।  • इसके अलावा सीबीटी ने एसबीआई, राष्ट्रीयकृत बैंकों तथा पेगव प्लेटफार्म के साथ निजी क्षेत्र के बैंकों सहित सभी बैंकों को नियोक्ताओं से अंशदान के संग्रहण तथा कर्मचारियों को भुगतान करने की पायलट आधार पर अनुमति दे दी है। भविष्य निधि के कोष का शेयरों में निवेश और बढ़ाने के बारे में पूछे जाने पर श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि इस मामले पर सीबीटी की बैठक में विचार नहीं हुआ।  • न्यासियों की बैठक की अध्यक्षता करने वाले दत्तात्रेय ने कहा कि इस प्रस्ताव पर विचार नहीं हुआ। हम 15-20 दिन बाद होने वाली अगली बैठक में इस पर विचार करेंगे। *******

ब्रेक्जिट पर आया ब्रिटेन का श्वेतपत्

• यूरोपीय संघ से बाहर होने (ब्रेक्जिट) की औपचारिक शुरुआत के बाद ब्रिटेन ने गुरुवार को ‘द ग्रेट रिपील बिल’ पर श्वेतपत्र जारी कर दिया। ब्रेक्जिट मामलों के मंत्री डेविड डेविस ने सांसदों को बताया कि यूरोपीय संघ (ईयू) के हजारों कानूनी प्रावधानों को या तो समाप्त किया जाएगा या उन्हें बदला जाएगा। कामगारों की सुरक्षा से लेकर पर्यावरण संरक्षण तक के प्रावधानों को या तो खत्म कर दिया जाएगा या फिर उन्हें ब्रिटिश कानून में शामिल कर लिया जाएगा।  • प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने बुधवार को ईयू के अनुछेद 50 को अमल में लाने की घोषणा की थी। इसके साथ ही ब्रिटेन और यूरोपीय संघ में संबंध-विछेद की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। दोनों पक्षों द्वारा तिथि में संशोधन नहीं करने की स्थिति में ब्रिटेन 29 मार्च, 2019 को ईयू से औपचारिक तौर पर अलग हो जाएगा।  • डेविस ने प्रस्तावित विधेयक पर श्वेतपत्र जारी कर अलग होने की योजना के तौर-तरीकों और प्रावधानों को सार्वजनिक किया। हाउस ऑफ कामंस में डेविस ने बताया कि विधेयक के पारित होने पर ब्रिटेन को ईयू के कानून को आत्मसात करने और देश के मौजूदा वैधानिक दस्तावेज में उचित सुधार

राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता पर केंद्र ने मांगे सुझाव

• राजनीतिक चंदे को पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने कांग्रेस और बीजू जनता दल सहित सभी राजनीतिक दलों से सुझाव मांगे हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि कोई भी ऐसा सुझाव दे सकता है, जिससे राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।  • जेटली ने वित्त विधेयक, 2017 को लेकर रायसभा से पारित पांच संशोधनों पर लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए यह घोषणा की। राज्यसभा ने बुधवार को वित्त विधेयक में जो संशोधन किए थे, उनमें से एक कंपनियों के लिए राजनीतिक चंदे की सीमा तय करने के संबंध में भी था।  • हाल के वर्षो में यह पहला मौका है, जब वित्त विधेयक लोकसभासे पारित होने के बाद राज्यसभा ने उसमें संशोधन किया है। वित्त विधेयक, 2017 धन विधेयक था। इसलिए लोकसभा ने ध्वनिमत से राज्यसभा के संशोधनों को खारिज कर दिया। • जेटली ने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने चुनावी बांड के बारे में वित्त विधेयक के प्रावधानों का विरोध किया है। लेकिन, राजनीतिक फंडिंग को पारदर्शी बनाने के संबंध में उन्होंने एक भी सुझाव नहीं दिया है। जेटली ने कहा कि राजनीतिक फंडिंग को पारदर्शी बनाने के सुझावों पर सरकार विचार कर

पांच सदस्यीय संविधान पीठ तय करेगी तीन तलाक सही या गलत

• सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ 11 मई से तीन तलाक पर सुनवाई करेगी। सभी संबंधित पक्षों से इस मामले में चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा गया है। निकाह हलाला और बहुविवाह पर भी सुनवाई होगी। विभिन्न याचिकाओं के जरिए इन प्रथाओं को चुनौती दी गई है।  • चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर और जस्टिस धनंजय चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि गर्मियरे की छुट्टियों में संविधान पीठ मामले में सुनवाई करेगी। यह अहम मामला है और भावनाओं से जुड़ा है।  • केंद्र सरकार का तर्क : केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्जी में पूछा है कि एक ही बार में तीन तलाक (तलाके-बिद्दत), निकाह हलाला और बहुविवाह प्रथा को भारतीय संविधान में किस तरह संरक्षण प्राप्त है ? • मुसलमानों में इस तरह के चलन को संविधान में दी गई धार्मिक आजादी से जोड़कर देखा जा सकता है या नहीं।  • मुसलमानों के पर्सनल लॉ को लेकर मोदी सरकार ने चार सवाल सुप्रीम कोर्ट को सौंपे हैं। सरकार ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि इन मुद्दों पर गहराई से र्चचा की जाए। लैंगिक समानता और गरिमापूर्ण जीवन जीने के संवैधानिक अधिकार के दायरे में इन सवालों के जवाब ढूंढे

राजनीतिक हैसियत की तस्वीर

संयुक्त राष्ट्र ने महिला सांसदों की संख्या में भारत को विश्व रैंकिंग में 193 देशों में 148वें स्थान पर रखा है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि भारतीय संसद में महिलाओं को आरक्षण मिले। उनके लिए ‘कोटा’ लैंगिक समानता हासिल करने की प्रक्रिया में तेजी ला सकता है। महिलाओं के प्रतिनिधित्व को पुरुषों की संख्या के बराबर आने में 50 साल लगेंगे। दुनिया भर की संसद में महिलाओं का प्रतिशत 2015 में 22.6 से बढ़कर 2016 में 23.3 प्रतिशत हो गया। भारत का प्रतिशत दुनिया का करीब आधा है। भारत में महिला आरक्षण बिल 20 साल से अटका है। बिल 1996 में बना था और 2010 में राज्य सभा में पारित हो गया था लेकिन लोकसभा में वह अटका पड़ा है। महिला सशक्तीकरण की अवधारणा प्रत्यक्ष तौर पर महिलाओं की निर्णय लेने की क्षमता, नेतृत्व तथा आत्मनिर्भरता से जुड़ी है। यही कारण है कि राजनीति में महिलाओं की स्थिति की विवेचना करने के लिए 1971 में एक समिति गठित की गई थी।  ‘टुवर्डस इक्वालिटी’ शीर्षक से 1974 में प्रकाशित इस रिपोर्ट के अनुसार संस्थागत तौर पर सबसे बड़ी अल्पसंख्यक होने के बावजूद राजनीति में महिलाओं का असर नाममात्र है। इस स

जीएसटी

यकीनन 29 मार्च, 2017 का दिन देश के आर्थिक इतिहास में सबसे बड़े अप्रत्यक्ष कर (इनडायरेक्ट टैक्स) सुधार के लिए याद किया जाएगा। इस दिन लोक सभा ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को लागू करने में सहायक चार विधेयकों को मंजूरी दे दी। इसके बाद विभिन्न राज्यों की विधान सभाओं में भी राज्य-जीएसटी पारित कराया जाएगा, जिसमें कोई कठिनाई नहीं होगी। ऐसे में एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होना सुनिश्चित है। यदि हम जीएसटी का इतिहास देखें तो पाते हैं कि वर्ष 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने कर सुधार की डगर पर आगे बढ़ते हुए जीएसटी के लिए ‘‘केलकर समिति’ का गठन किया था। इसके बाद यूपीए सरकार ने वर्ष 2006 में जीएसटी की जरूरत को सदन में जोर-शोर से रेखांकित किया था। यद्यपि वर्ष 2011 में जीएसटी को सदन में प्रस्तुत किया गया किन्तु यह विधेयक संसद में आगे बढ़ने से रुक गया। इस घटनाक्रम के बाद जब एनडीए की नरेन्द्र मोदी सरकार आई तो जीएसटी विधेयक फिर से लोक सभा में प्रस्तावित हुआ और मई 2015 में लोक सभा द्वारा पारित कर दिया गया। इसके बाद यह विधेयक विभिन्न उतार-चढ़ाव का सामना करते हुए अब सफलता

जल्द ही बनेगा गंगा प्राधिकरण

• गंगा और यमुना को भारतीय नागरिक के अधिकार देने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार गंगा एक्ट तैयार करने में जुटी है। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री साध्वी उमा भारती ने यह जानकारी देते हुए कहा कि एक्ट का कार्य अंतिम चरण में है। इसे जल्द कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा।  • बुधवार को गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल उत्तरकाशी के मुखवा गांव जा रही उमा भारती हरिद्वार में गंगा स्नान के बाद पत्रकारों से बात कर रही थीं। उमा ने बताया कि एक्ट बनाने के लिए एक कमेटी गठित की गई है।  • कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष महामना पंडित मदनमोहन मालवीय के पोते पूर्व जस्टिस गिरधर मालवीय हैं। उन्होंने कहा कि यह कानून गंगा की सहायक नदियों पर भी लागू होगा। • उमा ने कहा कि गंगा में प्रतिदिन लाखों लोग स्नान करते हैं, इसीलिए कमेटी को निर्देश दिया गया है कि एक्ट बनाते हुए इस बात का ध्यान रखा जाए कि निर्दोष  लोगों को परेशानी न हो। दंड ऐसे लोगों को मिले जो गंगा में प्रदूषण फैलाने के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हों। • उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि अदालत ने पुरातन मा

बीएस-3 मानक के वाहन नहीं बिकेंगे

• ज्यादा  प्रदूषण फैलाने वाले बीएस-3 मानक के वाहनों को सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी छूट देने से साफ इन्कार कर दिया है। बीएस-3 मानक वाले वाहनों को कुछ और समय तक बेचने की ऑटो निर्माता कंपनियों और डीलरों की मांग ठुकराते हुए कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि पहली अप्रैल 2017 से बीएस-3 मानक वाले नए वाहनों की बिक्री नहीं होगी।  • ऐसी गाड़ियों का पंजीयन भी तभी होगा जब इसका सुबूत हो कि गाड़ी 31 मार्च तक खरीदी गई है। पहली अप्रैल से पूरे देश में सिर्फ बीएस-4 मानक पूरा करने वाले ही दोपहिया, तिपहिया, चौपहिया या कॉमर्शियल वाहन बेचे जाएंगे या पंजीकृत किए जाएंगे। • न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने बढ़ते वायु प्रदूषण और उससे आम जनता की सेहत को होने वाले नुकसान का ख्याल रखते हुए ये आदेश सुनाया है। कोर्ट के इस फैसले ने उन वाहन कंपनियों के लिए बड़ी मुसीबत पैदा कर दी है जिनके पास बीएस-3 मानक वाले काफी वाहन हैं।  • कोर्ट ने कहा कि बीएस-3 वाहनों से सड़क का उपयोग करने वाले लाखों लोगों की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। देश में कुल वाहनों की तुलना में इन वाहनों की संख्या कम ह

श्रम सुधारों पर झूठ बोल रहा कतर

• श्रम सुधारों पर कतर दुनिया को गुमराह कर रहा है। बीते साल दिसंबर में विवादास्पद ‘कफाला व्यवस्था’ समाप्त किए जाने के बावजूद विदेशी कामगारों को घर लौटने की इजाजत नहीं मिल रही है। इससे सबसे ज्यादा  भारत, नेपाल और बांग्लादेश के कामगार प्रभावित हैं।  • 13 दिसंबर को श्रम सुधारों को अमल में लाते हुए कतर ने कहा था कि इससे विदेशी कामगारों के लिए नौकरी बदलना और घर लौटना आसान होगा। लेकिन, मजदूर संगठनों और श्रमिक अधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं के मुताबिक हालात में अब तक कोई सुधार नहीं हुआ है।  • श्रम सुधार प्रभावी होने के बाद से सरकार कम से कम 760 कामगारों के घर लौटने के आवेदन को ठुकरा चुकी है। इंटरनेशनल ट्रेड यूनियन कॉन्फेडरेशन के महासचिव शरण बुरो ने बताया कि कतर का कुख्यात एग्जिट परमिट सिस्टम आज भी लागू है।  • इसे खत्म करने का अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन से किया गया कतर का वादा झूठा है। कतर के अधिकारियों की इस मामले में प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। लेकिन, इस महीने की शुरुआत में सरकारी न्यूज एजेंसी ने बताया था कि 15 फरवरी तक 213 कामगारों का घर लौटने का आवेदन खारिज क

अमेरिका में इंटरनेट से निजी सुरक्षा के प्रावधान खत्म

• अमेरिका में अब इंटरनेट का उपयोग करने वाले किसी भी व्यक्ति की निजी जानकारी गोपनीय नहीं रह पाएगी। संसद के दोनों सदनों ने इंटरनेट यूजर्स को मिली निजता सुरक्षा के कानून को रद्द कर दिया है। अब इस पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दस्तखत होने हैं।  • पार्टी लाइन से हटकर सांसदों ने इंटरनेट सेवा देने वालों को निजी जानकारी साझा करने की छूट दे दी है।  • राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पिछले साल इस कानून को जारी किया था जो इस साल के अंत में लागू होना था। संसद से पारित होने के बाद राष्ट्रपति ट्रम्प इस कानून पर दस्तखत कर देंगे। इसके साथ ही इंटरनेट प्रोवाइडर अपने यूजर्स पर निगरानी रख सकेंगे।  • संसद द्वारा पारित कानून के तहत अब फैडरल कम्युनिकेशंस कमीशन भविष्य में इंटरनेट प्रोवाइडर्स पर रोक लगाने संबंधी आदेश जारी नहीं कर सकेगी। इसी कमीशन ने यूजर संरक्षण कानून का मसौदा तैयार किया था। प्रमुख वीडियो साइट्स यूजर का डाटा पहले ही एकत्र करती रही हैं।  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पूर्ववर्ती बराक ओबामा द्वारा लागू क्लाइमेट प्रोटेक्शन नियम खत्म करने संबंधी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए। बंद

ट्रंप ने रद्द की ओबामा की जलवायु नीति

• अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओबामा प्रशासन के समय में जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए जारी की गई नीतियों को खत्म करने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। • ट्रंप के इस कार्यकारी आदेश के तहत पूर्व राष्ट्रपति ओबामा के कार्यकाल के दौरान लागू की गई करीब आधा दर्जन नीतियां रद्द कर दी गई हैं। इससे जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा। इस आदेश पर मुहर लगाते हुए ट्रंप ने कहा, सरकार कोयले को ले कर जारी लड़ाई का अंत कर रही है।  • उन्होंने कहा, आज के कार्यकारी आदेश के साथ मैं अमेरिकी ऊर्जा पर लगे प्रतिबंधों, सरकारी रोक टोक और नौकरियां खत्म करने वाली नीतियों के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठा रहा हूं। उद्योग जगत ने ट्रंप के इस आदेश की सराहना की है लेकिन पर्यावरण सुरक्षा समूहों ने इसकी ¨नदा की है। *******

ब्रेग्जिट की प्रक्रिया शुरू :ब्रिटिश राजदूत ने पीएम थेरेजा का पत्र ईयू अध्यक्ष को सौंपा

• यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने की प्रक्रि या औपचारिक रूप से शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री थेरेजा मे ने कहा कि इस मुद्दे पर पीछे हटने का कोई सवाल नहीं है।हाउस ऑफ कॉमंस में दिए अपने बयान में थेरेजा ने कहा, ब्रिटिश राजदूत सर टिम बैरो ने ब्रसेल्स में यूरोपीय परिषद के प्रमुख डोनाल्ड टस्क को ब्रेग्जिट के संदर्भ में उनका पत्र सौंप दिया है।  • उन्होंने कहा, सरकार ब्रिटिश जनता की लोकतांत्रिक इच्छा के आधार पर काम करती है और यह सदन के स्पष्ट और स्वीकार्य रुख के आधार पर भी कदम उठाती है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा, अनुच्छेद 50 की प्रक्रि या अब चल रही है और ब्रिटिश जनता की भावनाओं के अनुसार ब्रिटेन यूरोपीय संघ से अलग हो रहा है। यह एक ऐतिहासिक मौका करार दिया जिससे पीछे नहीं हटा जा सकता।  • उन्होंने कहा, अब समय वह है कि हम साथ आएं और एकजुट हो जाएं। यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर जाने को लेकर दो वर्षीय वार्ता प्रक्रि या शुरू करने की देश की मंशा के बारे में ईयू को अधिसूचित करने के लिए बीती रात 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर एक पत्र पर हस्ताक्षर किया गया।  • इस पत्र में यूरोपीय संघ (ईयू) के

भारत पहली बार बिजली का निर्यातक बना : उदय में शामिल हुए 26 राज्य

• केरल, अरुणाचल प्रदेश व त्रिपुरा भी उदय योजना जुड़ गए हैं। इस योजना से जुड़ने वाले राज्यों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है। उदय राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों को पटरी पर लाने की योजना है। बिजली मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ‘‘उदय योजना से जुड़ने पर केरल को 4178 करोड़ रूपये  , अरुणाचल प्रदेश को 309 करोड़ रूपये व त्रिपुरा को 810 करोड़ रपए का शुद्ध फायदा होगा।’  • यह फायदा सस्ते कोष, बिजली छीजत में कमी व ऊर्जा दक्षता बढ़ने जैसे जरियों से होगा। भारत सरकार, केरल व केरल राज्य बिजली बोर्ड ने इस बारे में दो मार्च 2017 को सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। अरुणाचल प्रदेश व त्रिपुरा भी बुधवार को इस योजना से जुड़ गए। •  बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने उदय को देश के बिजली क्षेत्र के लिए सबसे व्यापक सुधार करार दिया है।बिजली मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारत पहली बार अप्रैल-फरवरी के दौरान बिजली का शुद्ध निर्यातक बना है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के अनुसार भारत पहली बार बिजली के शुद्ध आयातक से शुद्ध निर्यातक बना।’  • बयान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2016-1

डीबीटी से बचाए Rs34,000 करोड़

• सरकार ने बुधवार को कहा कि विभिन्न समाज कल्याण योजनाओं में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) की व्यवस्था अपनाने से उसे 34,000 करोड़ रपए की बचत हुई है। और आधार के उपयोग से भ्रष्टाचार पर निगरानी रखने एवं क्षमता को बेहतर करने में मदद मिली है। • उद्योग संगठन एसोचैम के एक कार्यक्र म में वित्त सचिव अशोक लवासा ने कहा कि जिन योजनाओं में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण शुरू किया गया है उनमें कुछ योजनाओं में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल हुई हैं। एक आकलन के मुताबिक इन सभी योजनाओं में करीब 34,000 करोड़ रपए की बचत हुई है।  • नकद हस्तांतरण को 78 योजनाओं में लागू किया गया है और अभी कई योजनाएं हैं जहां इसे लागू किया जाना है। उन्होंने कहा कि तकनीक के उपयोग से अधिक पारदर्शिता आई है। आधार के उपयोग से क्षमता भी बेहतर होगी क्योंकि लाभार्थियों के आधार को योजनाओं के साथ जोड़ने से फर्जी लोगों को हटाया जा सकेगा। • लवासा ने कहा, ‘‘करीब 1.73 लाख सार्वजनिक वितरण पण्राली की दुकानों पर पीओएस मशीनें लगाई जा चुकी हैं और यह सब आधार से जुड़े हैं।  • उवर्रक डिपो भी पीओएस मशीनों को लगाने की प्रक्रि या में हैं। उवर्रक पर

अभिव्यक्ति की आजादी पर होगा विचार

• सुप्रीम कोर्ट अभिव्यक्ति की आजादी के दायरे पर फिर विचार कर रहा है। कोर्ट इस मौलिक अधिकार को निष्पक्ष ट्रायल के मौलिक अधिकार से तुलना कर जांचे-परखेगा। ये देखा जाएगा कि बोलने की आजादी किस हद तक है? इसमें सरकारी पदों पर बैठे लोगों की दुष्कर्म जैसे अपराध के बारे में बयानबाजी भी विचार के दायरे में होगी।  • मंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर रहते हुए सपा नेता आजम खां द्वारा बुलंदशहर सामूहिक दुष्कर्म कांड पर टिप्पणी का मसला जब कोर्ट के सामने आया था तो कोर्ट ने इस कानूनी पहलू पर विस्तृत सुनवाई का मन बनाकर चार कानूनी प्रश्न तय कर दिए थे। बुधवार को यह मामला जब सुनवाई पर आया तो कोर्ट की मदद कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता फली नरीमन ने कहा, ‘कोर्ट को देखना होगा कि इस मामले में कहां तक जा सकते हैं।  • संविधान के अनुछेद 19 (1)(ए) (अभिव्यक्ति की आजादी) और इस आजादी पर तर्कसंगत पाबंदियों 19(2) पर विचार करते समय काफी सावधान रहना होगा।’ उनका कहना था कि संविधान में इस तरह की टिप्पणियों पर रोक नहीं है। इस पर कोर्ट ने अभिव्यक्ति की आजादी पर संविधान में दी गई पाबंदियों का जिक्र किया जिसमें कानून व्यवस्था और न

जीएसटी से जुड़े चारों बिल लोकसभा में पास

• लोकसभा ने बुधवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े चार विधेयकों को बहुमत से पारित कर दिया। विपक्ष ने अनेक संशोधन पेश किए लेकिन उनमें से एक भी पारित नहीं हुआ। सरकार ने कहा कि जीएसटी लागू होने से उपभोक्ताओं पर कर का बोझ नहीं बढ़ेगा। इसके जरिए देश में ‘‘एक राष्ट्र, एक कर’ की पण्राली लागू करने का मार्ग प्रशस्त होगा।  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में आज दोपहर से शुरू हुई जीएसटी विधेयकों पर र्चचा रात आठ बजे तक चली। र्चचा का जवाब देते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि संवैधानिक मंजूरी प्राप्त यह पहला संघीय अनुबंध है। जीएसटी लागू होने के बाद वस्तु एवं जिंस की कीमतों में वृद्धि की आशंकाओं को खारिज करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि कर की दरें वर्तमान स्तर पर रखी जाएंगी ताकि इसका मुद्रास्फीति संबंधी प्रभाव नहीं पड़े। • सीजीएसटी : जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र सरकार किस तरह से कर वसूलेगी, उसकी व्याख्या इस विधेयक में की गई है। इस बिल में स्पष्ट किया गया है कि शराब को छोड़ सभी सामान और सेवाओं पर यह कर लगेगा। कर की दर अधिकतम 40 फीसद हो सकती है।  • आईजीएसटी : इस विधेयक

तुर्की : निर्दोष गुलेन के मासूम गुनाह

कट्टरता और हिंसा की राजनीति में कॉर्पोरेट और आतंकवाद की जरूरत पूरी कर रहे इस सियासी दौर में अगर निर्दोष साबित होने के बाद भी दुनिया का सबसे उदार, संगठित और आवश्यक आंदोलन बेमौत मर जाए तो ताजुब नहीं होना चाहिए। तुर्की से बेदखल लेखक, विचारक, इमाम और सूफी नेता फतउल्लाह गुलेन को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पनाह दी थी। जर्मनी की ख़ुफिया एजेंसी और ब्रिटेन की संसद की एक रिपोर्ट पर यह साबित हो चुका है कि तुर्की में पिछली गर्मियों में सेना के कथित सत्ता पलट की कोशिश में फतउल्लाह गुलेन का कोई हाथ नहीं है फिर भी यह खबर निराश करती है कि अमेरिका गुलेन को तुर्की प्रत्यर्पित कर सकता है, जिसका साफ़ मतलब है कि अगर ऐसा होता है तो दुनिया भर में अस्पताल और स्कूल चलाने वाले 75 साल के फतउल्लाह गुलेन की बाकी जिंदगी जेल में कटेगी। वहाबी आतंकवाद की तपिश महसूस कर रहे दुनिया के हर देश के लिए यह डराने वाली खबर है। गुलेन को एक साजि़श के तहत सत्ता पलट में फंसाने और दुनिया के आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट के लिए धन, तेल, हथियार, प्रशिक्षण और संसाधन का इंतज़ाम करने के आरोप ङोल रहे तुर्की के राष्ट्

मिशन काबुल : क्या हो भारत की रणनीति ?

पूरब में भारत और चीन, पश्चिम में फारस व मध्यसागरीय दुनिया के बीच एक जंक्शन के रूप में स्थापित अफगानिस्तान इतिहास की कई सदियों तक तमाम संस्कृतियों के केंद्र एवं पड़ोसियों का मिलन स्थल और प्रवास व आक्रमण के लिहाज से ‘‘फोकल प्वाइंट’ रहा। प्राचीन दुनिया में व्यापारिक मागरे चौराहा होने के कारण इस देश के विषय में सहज निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि यह दुनिया की तमाम संस्कृतियों-सभ्यताओं से सम्पन्न होने के साथ-साथ नगरीय विकास की परम्परा में अग्रणी होने का गौरव प्राप्त कर गया होगा। इस दृष्टि से तो अफगानिस्तान नियंतण्र धरोहर रूप में तमाम दस्तावेजों में दर्ज होना चाहिए, लेकिन आधुनिक इतिहास के बहुत से पन्ने इसे ‘‘प्लेस ऑफ कॉन्फ्लिक्ट’ के रूप में पेश करते हुए दिखाई देते हैं। अब सवाल यह उठता है कि इस विरोधभास को किस नजरिए से देखा जाए? प्रश्न यह भी है कि अफगानिस्तान को ‘‘प्लेस ऑफ कान्फ्लिक्ट’ की स्थिति तक ले जाने में अहम भूमिका किसकी रही? आज अफगानिस्तान पर रूस-चीन-पाकिस्तान त्रिकोण की सक्रियता के निहितार्थ क्या हैं? क्या रूस अफगानिस्तान में पुन: 1979 के उद्देश्यों को लेकर प्रवेश करना चाहता है? य

पहली बार विद्युत का निवल निर्यातक बना भारत

 बिजली के सीमा पार व्यापार के लिए भारत सरकार के निर्दिष्ट प्राधिकरण, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अनुसार भारत पहली बार बिजली के निवल आयातक की बजाए निवल निर्यातक बन गया है। वर्ष 2016-17 (अप्रैल से फरवरी 2017) के दौरान भारत ने नेपाल, बांग्लादेश और म्यामां को 579.8 करोड़ यूनिट बिजली निर्यात की, जो भूटान से आयात की जाने वाली करीब 558.5 करोड़ यूनिटों की तुलना में 21.3 करोड़ यूनिट अधिक है।  पिछली सदी में सीमा पार विद्युत व्यापार प्रारंभ होने के बाद से भारत, भूटान से विद्युत आयात करता रहा है और बिहार और उत्तर प्रदेश से 33 केवी और 132 केवी रेडियल मोड में नेपाल को मामूली विद्युत का निर्यात करता रहा है। भूटान औसत रूप में भारत को 500-550 करोड़ यूनिट विद्युत की आपूर्ति करता रहा है।    भारत नेपाल को 11 केवी, 33 केवी और 132 केवी लेवल पर 12000 से अधिक सीमा पार इंटर कनेक्शनों के लिए करीब 190 मेगावाट विद्युत का निर्यात भी करता रहा है। 2016 में 400 केवी लाइन क्षमता (132 केवी क्षमता के साथ संचालित) मुजफ्फरपुर (भारत) - धालखेबर (नेपाल) के चालू हो जाने के बाद नेपाल को विद्युत निर्यात में करीब

देश में डिजिधन और कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देना न्यू इंडिया मिशन का हिस्सा

देश में डिजिधन और कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देना हिस्सा न्यू इंडिया मिशन का हिस्सा है: श्री राधा मोहन सिंह अब तक 1.25 करोड़ लोग इस भीम ऐप से जुड चुके हैं: केन्द्रीय कृषि मंत्री  कैशलेस लेने-देन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए: श्री सिंह  श्री राधा मोहन सिंह ने मोतिहारी में डिजिधन मेले का उद्धाटन किया  केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने नये भारत यानी न्यू इंडिया का आह्वान किया है जिसमें कालेधन और भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं है। देश में डिजिधन और कैशलेस लेनदेन को आगे ले जाना भी प्रधानमंत्री की इसी सोच का हिस्सा है। श्री सिंह ने यह बात आज मोतिहारी के में आयोजित डिजिधन मेले के उद्धघाटन के अवसर पर कही। मोतिहारी में आयोजित डिजिधन मेला पूरे दिन चला जहां बैंक, सामान्य सेवा केन्द्र (सीएससी), निजी डिजिटल भुगतान सेवा प्रदाता आदि डिजिटल भुगतान अपनाने के लिए उपभोक्ताओं और व्यापारियों को सेवाएं दीं। श्री राधा मोहन सिंह ने डिजिधन मेले में लोगों को बताया कि कैशलेस लेने-देन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने

प्रधानमंत्री ने देशवासियों को नववर्ष की बधाई दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश भर के नागरिकों को अपनी ओर से नववर्ष की शुभकामनाएं दी हैं, जो नए वर्ष की शुरूआत का उत्सव मना रहे हैं । अपने ट्वीट संदेशों में प्रधानमंत्री ने यह कामना की है कि यह वर्ष सभी के लिए शांति, उल्साह और समृद्धि लाए । प्रधानमंत्री ने कहा, “पूरे भारत में लोग नए वर्ष की शुरूआत का उत्सव मना रहे हैं । सभी को नव वर्ष की बधाइयां । यह वर्ष शांति, उल्साह और समृद्धि लाए । नववर्ष और नवरात्रि की देशवासियों को कोटि-कोटि बधाई। नवसंवत्सर हम सभी के जीवन में समृद्धि, खुशहाली और अच्छा स्वास्थ्य लेकर आए। मणिपुर के बहनों और भाइयों के लिए साजिबू चेइराबा के अवसर पर मेरी ओर से शुभकामनाएं । मेरी कामना है कि आने वाला वर्ष सकरात्मकता और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक हो । उगाडी का उत्सव मनाने वाले सभी लोगों को बधाइयां । मेरी कामना है कि आने वाले वर्ष में आपकी सभी इच्छाएं पूरी हो और चारों ओर खुशहाली हो। सिंधी समुदाय के लोगों को चेति चंद के अवसर पर बधाइयां । मेरी कामना है कि भगवान झूलेलाल हमें आशीर्वाद दें और आने वाला वर्ष हमारे लिए खुशहाली लाए तथा यादगार वर्षों मे

योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के 21 वें मुख्यमंत्री बने

गोरखपुर के सांसद महंत योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बने हैं।  उन्होंने 19 मार्च 2017 को प्रदेश के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्हें शनिवार को बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया था। 5 जून, 1972 को उत्तराखंड के गढ़वाल में राजपूत बिष्ट परिवार में पैदा हुए योगी आदित्य नाथ का पहले नाम अजय सिंह विष्ट था लेकिन नाथ संपद्राय में दीक्षित होने और सन्यास लेने के बाद उनका नाम योगी आदित्यनाथ हो गया। गढ़वाल विश्वविद्याल से विज्ञान में स्नातक करने वाले महंत योगी आदित्यनाथ वर्तमान में गारेखपुर लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी का सांसद होने के साथ नाथ संपद्राय की गोरखपुर में स्थित सबसे बड़ी पीठ और मठ गोरखनाथ मंदिर के गोरक्षपीठाधीश्वर महंत हैं। नाथ संप्रदाय की सबसे कठिन परंपरा हठयोग में दीक्षित और हठयोग स्वरूप एवं साधन, राजयोग- स्वरूप और साधना नामक किताब लिखने वाले योगी 22 साल की उम्र में 15 फरवरी 1994 को गोरखनाथ मंदिर के महंत और सांसद अवैधनाथ ने अपना उत्तराधिकारी चुना था। मात्र 26 साल की उम्र में 12वीं लोकसभा के चुनाव साल 1998 में योगी आदित्यनाथ पहली बार गारेखपुर लोकसभा क्षेत्

फोर्ब्स की दुनिया की सबसे अमीर लोगों की सूची में 101 भारतीय अरबपति शामिल

माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स एक बार फिर फोर्ब्स की दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में टॉप पर रहे हैं, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस सूची में 220वें स्थान से फिसलकर 544वें स्थान पर पहूंच गये हैं। फोर्ब्स की ओर से बिल गेट्स की संपत्ति 86 अरब डॉलर आंकी गयी है और वह लगातार चौथे साल सूची में टॉप पर रहे हैं। उनके बाद दूसरे स्थान पर बर्कशायर हैथवे के प्रमुख वारेन बफेट हैं, जिनकी संपत्ति 75.6 अरब डॉलर आंकी गयी है। टॉप 10 की सूची में अमेजन के संस्थापक जेफ बेजॉस तीसरे, फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग पांचवे और ओरेकल के सह-संस्थापक लैरी एलिसन सातवें स्थान पर रहे हैं। अरबपतियों की इस सूची में 101 भारतीय शामिल हुए हैं। इसमें 13 ऐसे नाम हैं, जो पहली बार शामिल किये गये हैं. 23.2 अरब डॉलर की कुल संपत्ति के साथ भारत की तरफ से मुकेश अंबानी इस सूची में सबसे आगे हैं। सूची में वह 33वें नंबर पर बने हुए हैं, जबकि वह पिछले साल वह 36वें पायदान पर थे। उनके बाद लक्ष्‍मी मित्‍तल 56वें नंबर पर, अजीम प्रेमजी 72वें, दिलीप सांघवी 84वें और शिव नाडर 102वें नंबर पर हैं। ****

राष्ट्रीय सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग आयोग का होगा गठन

• देश के सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े लोगों की आवाज सुनने के लिए अब पहली बार संवैधानिक व्यवस्था होने जा रही है। केंद्र सरकार ने इसके लिए ‘राष्ट्रीय सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग आयोग’ के गठन को मंजूरी दे दी है।  • नया आयोग पिछड़े वर्ग की अपने स्तर से पहचान भी करेगा, जिसे मानना सरकार के लिए बाध्यकारी होगा। नाम से लगता है कि सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ापन भी पिछड़े वर्ग में शामिल होने का आधार हो सकता है। • देश में पिछड़े वर्गो की पहचान और उनकी शिकायतों की सुनवाई के लिए केंद्र सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में इस सिलसिले में फैसला लिया गया।  • इसका नाम ‘राष्ट्रीय सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग आयोग’ (एनएसईबीसी) होगा। साथ ही इसे संवैधानिक दर्जा हासिल होगा। इसके लिए संसद में जल्दी ही संविधान संशोधन विधेयक लाया जाएगा। इसके साथ ही पहले से चल रहे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) को समाप्त कर दिया जाएगा।  • पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्राप्त नहीं है। यह केंद्र सरकार के सामाजिक कल्या

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