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ब्रेक्जिट पर आया ब्रिटेन का श्वेतपत्



• यूरोपीय संघ से बाहर होने (ब्रेक्जिट) की औपचारिक शुरुआत के बाद ब्रिटेन ने गुरुवार को ‘द ग्रेट रिपील बिल’ पर श्वेतपत्र जारी कर दिया। ब्रेक्जिट मामलों के मंत्री डेविड डेविस ने सांसदों को बताया कि यूरोपीय संघ (ईयू) के हजारों कानूनी प्रावधानों को या तो समाप्त किया जाएगा या उन्हें बदला जाएगा। कामगारों की सुरक्षा से लेकर पर्यावरण संरक्षण तक के प्रावधानों को या तो खत्म कर दिया जाएगा या फिर उन्हें ब्रिटिश कानून में शामिल कर लिया जाएगा। 

• प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने बुधवार को ईयू के अनुछेद 50 को अमल में लाने की घोषणा की थी। इसके साथ ही ब्रिटेन और यूरोपीय संघ में संबंध-विछेद की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। दोनों पक्षों द्वारा तिथि में संशोधन नहीं करने की स्थिति में ब्रिटेन 29 मार्च, 2019 को ईयू से औपचारिक तौर पर अलग हो जाएगा। 

• डेविस ने प्रस्तावित विधेयक पर श्वेतपत्र जारी कर अलग होने की योजना के तौर-तरीकों और प्रावधानों को सार्वजनिक किया। हाउस ऑफ कामंस में डेविस ने बताया कि विधेयक के पारित होने पर ब्रिटेन को ईयू के कानून को आत्मसात करने और देश के मौजूदा वैधानिक दस्तावेज में उचित सुधार करने का अधिकार मिल सकेगा। 

• उन्होंने कहा, ‘ब्रिटेन ईयू से आसानी और व्यवस्थित तरीके से बाहर होने को लेकर पूरी तरह स्पष्ट है। द ग्रेट रिपील बिल इस उद्देश्य का आतंरिक हिस्सा है। यह ब्रिटेन के कारोबारियों, कामगारों और उपभोक्ताओं को यादा स्पष्टता मुहैया कराएगा। 

• इससे ईयू से निकलने की इच्छा  और यूरोपीय संघ के साथ विशेष भागीदारी की आकांक्षा के बारे में स्पष्ट संदेश जाएगा।’

• कानून में बदलाव बड़ा सिरदर्द : ईयू के मौजूदा कानूनी प्रावधानों से खुद को अलग करना ब्रिटेन के लिए कतई आसान नहीं होगा। डेविस ने ईयू के कानून के साथ टकराव पर भी स्थिति स्पष्ट की। उनके अनुसार, वादे के मुताबिक ब्रिटेन में ईयू कानून की सवरेचता समाप्त हो जाएगी। 

• इसके बाद देश का कानून लंदन, एडिनबर्ग, कार्डिफ और बेलफास्ट में बनाए जाएंगे। इसकी व्याख्या लक्जमबर्ग नहीं बल्कि यूनाइटेड किंगडम में बैठे जज करेंगे। कानून को वापस लेने की प्रक्रिया ‘कॉपी-पेस्ट’ की तर्ज पर होगी, ताकि भविष्य में किसी तरह के टकराव से बचने के लिए ईयू के मौजूदा प्रमुख प्रावधानों को बरकरार रखा जा सके। 

• विधेयक के प्रावधानों के तहत कामगारों के अधिकार, पर्यावरण संरक्षण और उपभोक्ताओं के अधिकार से जुड़े प्रावधानों को बरकरार रखा जाएगा। हालांकि, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड को ईयू की मंजूरी के बिना इसे संशोधित या खत्म करने का अधिकार होगा। 

• इसका मतलब यह हुआ कि यूरोपीय संघ से बाहर होने के बाद ब्रिटेन की कानून बनाने वाली संस्थाएं संप्रभु तरीके से नए कानून बना सकेगी। प्रधानमंत्री टेरीजा मे पूर्व में कई बार इस बात का उल्लेख कर चुकी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया था कि ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन पूरी तरह से संप्रभु हो जाएगा।
• ग्रेट रिपील बिल• प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने अक्टूबर में इसकी घोषणा की थी।• यूरोपियन कम्युनिटीज एक्ट को वापस लिया जाएगा।• देश में ईयू कानून की सर्वोच्चता समाप्त हो जाएगी।• ब्रिटेन यूरोपियन कोर्ट ऑफ जस्टिस के न्यायाधिकार क्षेत्र से बाहर होगा।• ईयू छोड़ने के दिन (29 मार्च, 2019) विधेयक के प्रावधान प्रभावी होंगे।• वर्ष 2010 की एक रिपोर्ट के मुताबिक ईयू में तकरीबन 80 हजार विषय शामिल हैं।• ईयू का कानून वर्ष 1958 में अमल में आया था।• हाउस ऑफ लॉर्डस ने प्रक्रिया को विशिष्ट चुनौती करार दिया है।• हाउस ऑफ कामंस ने इसे अब तक की सबसे बड़ी प्रक्रिया बताया है।



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