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भारत पहली बार बिजली का निर्यातक बना : उदय में शामिल हुए 26 राज्य



• केरल, अरुणाचल प्रदेश व त्रिपुरा भी उदय योजना जुड़ गए हैं। इस योजना से जुड़ने वाले राज्यों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है। उदय राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों को पटरी पर लाने की योजना है। बिजली मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ‘‘उदय योजना से जुड़ने पर केरल को 4178 करोड़ रूपये  , अरुणाचल प्रदेश को 309 करोड़ रूपये व त्रिपुरा को 810 करोड़ रपए का शुद्ध फायदा होगा।’ 

• यह फायदा सस्ते कोष, बिजली छीजत में कमी व ऊर्जा दक्षता बढ़ने जैसे जरियों से होगा। भारत सरकार, केरल व केरल राज्य बिजली बोर्ड ने इस बारे में दो मार्च 2017 को सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। अरुणाचल प्रदेश व त्रिपुरा भी बुधवार को इस योजना से जुड़ गए।

•  बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने उदय को देश के बिजली क्षेत्र के लिए सबसे व्यापक सुधार करार दिया है।बिजली मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारत पहली बार अप्रैल-फरवरी के दौरान बिजली का शुद्ध निर्यातक बना है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के अनुसार भारत पहली बार बिजली के शुद्ध आयातक से शुद्ध निर्यातक बना।’ 

• बयान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2016-17 (अप्रैल-फरवरी) के दौरान भारत ने 579.8 करोड़ यूनिट बिजली नेपाल, बांग्लादेश तथा म्यांमा को निर्यात किया। यह भूटान से आयातित करीब 558.5 करोड़ यूनिट बिजली से 21.2 करोड़ यूनिट अधिक है। 

• नेपाल और बांग्लादेश को किया गया निर्यात पिछले तीन साल में क्र मश 2.5 और 2.8 गुना बढ़ा।वर्ष 1980 के मध्य से सीमा पार बिजली का व्यापार शुरू हुआ। उस समय से भारत भूटान से बिजली का आयात कर रहा है और नेपाल को बिहार और उत्तर प्रदेश से 33 केवी और 132 केवी का निर्यात करता रहा है। भूटान से औसतन 500 से 550 करोड़ यूनिट बिजली की आपूर्ति  हो रही है।


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