• लोकसभा ने बुधवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े चार विधेयकों को बहुमत से पारित कर दिया। विपक्ष ने अनेक संशोधन पेश किए लेकिन उनमें से एक भी पारित नहीं हुआ। सरकार ने कहा कि जीएसटी लागू होने से उपभोक्ताओं पर कर का बोझ नहीं बढ़ेगा। इसके जरिए देश में ‘‘एक राष्ट्र, एक कर’ की पण्राली लागू करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
• प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में आज दोपहर से शुरू हुई जीएसटी विधेयकों पर र्चचा रात आठ बजे तक चली। र्चचा का जवाब देते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि संवैधानिक मंजूरी प्राप्त यह पहला संघीय अनुबंध है। जीएसटी लागू होने के बाद वस्तु एवं जिंस की कीमतों में वृद्धि की आशंकाओं को खारिज करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि कर की दरें वर्तमान स्तर पर रखी जाएंगी ताकि इसका मुद्रास्फीति संबंधी प्रभाव नहीं पड़े।
• सीजीएसटी : जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र सरकार किस तरह से कर वसूलेगी, उसकी व्याख्या इस विधेयक में की गई है। इस बिल में स्पष्ट किया गया है कि शराब को छोड़ सभी सामान और सेवाओं पर यह कर लगेगा। कर की दर अधिकतम 40 फीसद हो सकती है।
• आईजीएसटी : इस विधेयक में दो राज्यों के बीच वस्तुओं व सेवाओं के व्यापार पर लगने वाले कर का ब्योरा दिया गया है। इसके साथ ही आयातित सामान पर भी कर लगाने का अधिकार मिलेगा। राजस्व की दृष्टि से यह विधेयक काफी महत्वपूर्ण है।
• यूटीजीएसटी : इस विधयेक के जरिए पांच केद्र शासित प्रदेश अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दादरा नगर हवेली, दमन व दीव और चंडीगढ़ में जीएसटी लागू किया जा सकेगा। मुआवजा बिल : जीएसटी लागू होने की स्थिति में कई राज्यों को आशंका थी कि उनके राजस्व में कमी आएगी।
• इसीलिए वह चाहते थे कि केंद्र सरकार ऐसे किसी संभावित नुकसान की भरपाई करे। केंद्र सरकार इसके लिए राजी हो गई और मुआवजे की व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए ही यह विधेयक लाया गया है।
• इन चार विधेयकों के पास होने के बाद अब 29 राज्यों के साथ दिल्ली और पुड्डूचेरी की विधानसभाओं को राज्य जीएसटी यानी एसजीएसटी बिल को पास कराना होगा। यह पूरी विधायी प्रक्रिया अगले एक से दो महीने में पूरी होने की उम्मीद है।
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