• सरकार ने बुधवार को कहा कि विभिन्न समाज कल्याण योजनाओं में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) की व्यवस्था अपनाने से उसे 34,000 करोड़ रपए की बचत हुई है। और आधार के उपयोग से भ्रष्टाचार पर निगरानी रखने एवं क्षमता को बेहतर करने में मदद मिली है।
• उद्योग संगठन एसोचैम के एक कार्यक्र म में वित्त सचिव अशोक लवासा ने कहा कि जिन योजनाओं में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण शुरू किया गया है उनमें कुछ योजनाओं में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल हुई हैं। एक आकलन के मुताबिक इन सभी योजनाओं में करीब 34,000 करोड़ रपए की बचत हुई है।
• नकद हस्तांतरण को 78 योजनाओं में लागू किया गया है और अभी कई योजनाएं हैं जहां इसे लागू किया जाना है। उन्होंने कहा कि तकनीक के उपयोग से अधिक पारदर्शिता आई है। आधार के उपयोग से क्षमता भी बेहतर होगी क्योंकि लाभार्थियों के आधार को योजनाओं के साथ जोड़ने से फर्जी लोगों को हटाया जा सकेगा।
• लवासा ने कहा, ‘‘करीब 1.73 लाख सार्वजनिक वितरण पण्राली की दुकानों पर पीओएस मशीनें लगाई जा चुकी हैं और यह सब आधार से जुड़े हैं।
• उवर्रक डिपो भी पीओएस मशीनों को लगाने की प्रक्रि या में हैं। उवर्रक पर पिछले सालों की भांति ही सब्सिडी दी जा रही है लेकिन केरोसिन पर सब्सिडी में तेजी से कमी आई है।
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