Skip to main content

किस प्रकार सुनामी के नुकसान को कम करें




जागरूकता की महत्ता को कभी अधिक नहीं आंका जा सकता। किसी भी सक्रिय व्यवस्था के लिए जागरुकता अभियान आवश्यक हिस्सा है।

एक स्कूली छात्रा टिली स्मिथ ने दस वर्ष की उम्र में स्कूल में पढ़ी हुई जानकारी के आधार पर 26 दिसंबर 2004 को सौ से अधिक लोगों की जान बचाई थी। सुनामी आने के दौरान टिली अपने परिवार के साथ थाईलैंड के फुकेट के समुद्री तट पर छुट्टी मना रही थी। जब टिली ने समुद्र का जल तट से पीछे हटते देखा तब उसे याद आया कि यह सुनामी का अग्रिम संकेत हो सकता है। उसकी चेतावनी के कारण सुनामी तरंगों के आने के कुछ ही मिनट पूर्व वहां का तट खाली कर दिया गया। आमतौर पर समुद्री तट में छुट्टी मनाने वाले पर्यटक तट से पानी पीछे हटने के असली कारण से अनजान रहते हैं। इसी कारण पर्यटक पानी से बाहर आए हुए समुद्र तल को छानबीन करने के लिए प्रलोभित होकर समुद्र के अंदर दूर चले जाते हैं और इसी बीच आने वाली सुनामी तरंगे उन्हें बहा ले जाती हैं। मगर 26 दिसंबर 2004 को फुकेट में मरने वालों की संख्या में काफी कमी इसलिए हुई क्योंकि टिली स्मिथ के पास न केवल जानकारी थी बल्कि जानकारी को सही समय पर इस्तेमाल किया गया। 


*******

Comments

Popular posts from this blog

Developing proper feedback mechanisms can help take right decisions: PM

भारत के संविधान की मूल प्रति

1950 :: भारत के संविधान की मूल प्रति में  अर्जुन को  भगवद्गीता का ज्ञान देते हुए  भगवान कृष्ण की छवि ।। ।। राम राम ।।

जर्मनी की चांसलर ने राष्‍ट्रपति से मुलाकात की

जर्मनी की चांसलर डॉ. एंजेला मर्केल ने आज (01 नवम्‍बर ,  2019) राष्‍ट्रपति भवन में राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। भारत में जर्मनी की चांसलर का स्‍वागत करते हुए राष्‍ट्रपति ने कहा कि जर्मनी और भारत के बीच मजबूत वाणिज्यिक संबंध हैं और यूरोपीय संघ और भारत के बीच एक व्‍यापक व्‍यापार एवं निवेश के क्षेत्र में संतुलित समझौते को जल्‍द लागू करने के लिए यूरोपीय संघ के भीतर प्रयासों में तेजी लाने में जर्मनी के समर्थन को भारत महत्‍वपूर्ण मानता है। इससे दोनों पक्षों के व्‍यापारिक समुदाय को न केवल मजबूत और सकारात्‍मक संकेत मिलेगा ,  बल्कि भारत एवं जर्मनी के बीच व्‍यापार एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा। राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच वैश्विक साझेदारी में अच्‍छी प्रगति हो रही है। बहुपक्षीय और बहुध्रुवीय व्‍यवस्‍था को मजबूत करने के लिए हमें एक साथ मिलकर काम करना चाहिए। भारत और जर्मनी पुनर्गठित संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की स्‍थायी सदस्‍यता के लिए अधिकृत दावेदार हैं। इसके संदर्भ में ,  जी-4 के हिस्‍से के रूप में हमारा सहयोग महत्‍वपूर्ण है। राष्‍ट्रपति

ads1