जी-20 सम्मेलन : भारत की अर्थनीति की सराहना
• प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में पहली बार हो रही जी-20 देशों के आर्थिक विशेषज्ञों के सम्मेलन में भारत में विमुद्रीकरण (नोटबंदी) तथा उसके बाद विश्वपटल पर तेजी से उभरी अर्थव्यवस्था र्चचा का केन्द्र बिन्दु रहा। विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने भारत की आर्थिक नीतियों की सराहना की तथा कहा कि प्रतिकूल परिस्थितियों में भी यहां पर मुद्रास्फीति की दरें जहां नियन्त्रित रही वहीं सकल घरेल उत्पाद में वृद्धि हुई।
• प्रतिनिधियों ने विकास दर बनाये रखने पर भारत की मुक्त कण्ठसे सराहना की। सूत्रों ने बताया कि सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के अलावा नियंतण्र मंदी व मौद्रिक नीति पर दिनभर चले तीन सत्रों में विचारों का आदान-प्रदान हुआ।जी-20 देशों के आर्थिक फ्रेमवर्क वर्किग ग्रुप (एफडब्ल्यूजी) के प्रतिनिधियों का दो दिनी सम्मेलन होटल गेटवे में मंगलवार को शुरू हुआ।
• धर्म नगरी काशी में पहली बार दुनिया भर से जुटे विशेषज्ञों ने आर्थिक व आतंकवाद के मोर्चे पर जूझ रहे देशों की चुनौतियों एवं उनकी समस्याओं के समाधान का नया रास्ता ढूंढने पर खुलकर र्चचा की। विशेषज्ञों का मानना रहा कि नोटबंदी जैसा कदम आर्थिक विकास के नए मॉडल के रु प में सामने है।
• इससे ‘‘करप्शन व क्राइम’ में कमी इस बात का प्रमाण कि चुनौती बनी बहुत सारी समस्याओं का हल इस तरह से निकला जा सकता है।
• जी-20’ वह समूह है जिसमें यूरोपियन संघ और 19 देश शामिल हैं।द जी-20 ग्लोबल इकॉनामी समेत खास चुनौतियों पर र्चचा करता है।
• जी-20 फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप की मीटिंग बुधवार तक चलेगी, जिसमें यूरोपियन कमीशन, यूरोपियन सेंट्रल बैंक के डेलीगेट्स के विचारों को भी शामिल किया जाएगा।
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