यह कोई नहीं जानता कि सुनामी कब और कहां आएगी। सुनामी के आने का न तो कोई सटीक पूर्वानुमान लगाया जा सकता है और ना ही इसे रोका जा सकता है। आने वाली सुनामी के बारे में कुछ अग्रिम संकेत मिलते हैं। इसके बावजूद सुनामी के बारे में पुर्वानुमान लगाना कोई आसान कार्य नहीं है। यह अभी तक त्रुटिपूर्ण विज्ञान रहा है।
ऐसा देखा गया कि जानवरों को आने वाली सुनामी का आभास हो जाता है और सुनामी के तट पर पहुंचने से पहले जानवर ऊंचे स्थानों पर चले जाते हैं। पहली बार जानवरों के इस व्यवहार को यूरोप में लिस्बन भूकंप के कारण पैदा हुई सुनामी के समय रिकार्ड किया गया था। वर्ष 2004 में हिंद महासागर में आई सुनामी के समय श्रीलंका में जानवरों का ऐसा ही व्यवहार देखा गया। ऐसा अनुमान लगाया गया है कि सुनामी तट से टकराने से पहले भूकंप से आने वाले रैलों-तरंगों को महसूस कर सकते हैं। कई शोधकर्ता जानवों की सुनामी तथा अन्य प्राकृतिक आपदा को पहले से भांपने की क्षमता का अध्ययन कर रहे हैं। ताकि जानवरों की असाधारण क्षमता का फायदा उठाकर प्राकृतिक आपदा का पूर्वानुमान लगाया जा सके।
क्योंकि सभी भूकंप सुनामी उत्पन्न नहीं करते हैं, इसलिए भूकंप की घटना पर आधारित चेतावनी सुनामी के संदर्भ में सही नहीं हो सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार सन् 1948 से की गई हर चार सुनामी भविष्यवाणियों में से तीन और भविष्यवाणियां गलत साबित हुई। गलत चेतावनी का मतलब है अधिक कीमत चुकाना क्योंकि इससे संसाधनों और समय का अपव्यय होता है। भूकंप के बारे में जानकारी, समुद्र अधस्तल (गांभीर्यमिति विज्ञान या बेथेमिट्री) व तटीय क्षेत्र की आकृतियों के आधार पर तैयार किए गए कंप्यूटर मॉडल से सुनामी आगमन का अपरिष्कृत पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। इस तरह की कंप्यूटर मॉडल सुनामी आगमन के पूर्वानुमान को सटीक बनाने में मदद करता है।
सुनामीआने वाली सुनामी संबंधित कोई भी सूचना उस क्षेत्र में रहने और प्रभावित होने वाले लोगों तक पहुंचानी चाहिए। आदर्श रूप में इस तरह की सूचना उन्हीं लोगों तक पहुंचनी चाहिए जो जानते हैं कि आने वाले खतरे से कैसे बचा जा सके। तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को इस संबंध में पता रहे कि उन्हें सुनामी संबंधी सूचना कहां मिल सकती है। और सूचना मिल जाने के बाद क्या करना चाहिए। यदि लोग यह नहीं जानते हैं कि सुनामी क्या कर सकती है और वे आने वाले खतरे से कैसे बच सकते हैं तो केवल सूचनाओं को प्राप्त करने से उनकी कोई विशेष मदद नहीं हो पाएगी।
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