• अमेरिका में अब इंटरनेट का उपयोग करने वाले किसी भी व्यक्ति की निजी जानकारी गोपनीय नहीं रह पाएगी। संसद के दोनों सदनों ने इंटरनेट यूजर्स को मिली निजता सुरक्षा के कानून को रद्द कर दिया है। अब इस पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दस्तखत होने हैं।
• पार्टी लाइन से हटकर सांसदों ने इंटरनेट सेवा देने वालों को निजी जानकारी साझा करने की छूट दे दी है।
• राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पिछले साल इस कानून को जारी किया था जो इस साल के अंत में लागू होना था। संसद से पारित होने के बाद राष्ट्रपति ट्रम्प इस कानून पर दस्तखत कर देंगे। इसके साथ ही इंटरनेट प्रोवाइडर अपने यूजर्स पर निगरानी रख सकेंगे।
• संसद द्वारा पारित कानून के तहत अब फैडरल कम्युनिकेशंस कमीशन भविष्य में इंटरनेट प्रोवाइडर्स पर रोक लगाने संबंधी आदेश जारी नहीं कर सकेगी। इसी कमीशन ने यूजर संरक्षण कानून का मसौदा तैयार किया था। प्रमुख वीडियो साइट्स यूजर का डाटा पहले ही एकत्र करती रही हैं।
• अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पूर्ववर्ती बराक ओबामा द्वारा लागू क्लाइमेट प्रोटेक्शन नियम खत्म करने संबंधी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए। बंदिशें खत्म करने के साथ ही उन्होंने alt147कोयले पर युद्ध' खत्म होने का दावा किया।
• ट्रम्प ने पावर प्लांट्स से होने वाले उत्सर्जन से जुड़े नियमों की समीक्षा का भी आदेश दिया। इस कदम से अमेरिका में जीवाश्म ईंधन पर लगे नियम ढीले होंगे, जो वैश्विक उत्सर्जन लक्ष्यों के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाता है।
• विरोध क्यों ? : एक्टिविस्ट्सका कहना है कि सर्विस प्रोवाइडर किसी यूजर की इंटरनेट गतिविधियों से ज्यादा जानकारी भी चुरा सकते हैं। वे उन सभी साइट्स की जानकारी ले सकेंगे जिन्हें यूजर ने प्राइवेसी नियम अनुकूल होने के कारण पूरा नहीं देखा।
• लेकिन यह करना पड़ेगा :सर्विस प्रोवाइडर को यूजर्स का कस्टमर डाटा सुरक्षित बनाने के उपाय करने होंगे। हैकर्स यूजर्स के सिस्टम में सेंध लगा सकें इसके इंतजाम करने होंगे।
{यूजर को उसके व्यवहार, मानसिकता और इंटरनेट उपयोग के आधार पर उसकी इजाजत के बिना विज्ञापन दिखा सकेंगे।
• उसके निजी और वित्तीय डाटा को किसी कंपनी को बेच सकेंगे। इससे सर्विस प्रोवाइडर्स 83 अरब डॉलर के इंटरनेट मार्केट में गूगल और फेसबुक से मुकाबला कर सकेंगे।
यह जानकारी कर सकेंगे साझा
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