देश को 29 साल सेवा देने के बाद नौसेना के गश्ती विमान टीयू 142 एम रिटायर होंगे
देश को 29 साल सेवा देने के बाद नौसेना के लॉन्ग रेंज समुद्री गश्ती विमान टीयू 142 एम आने वाले 29 मार्च को रिटायर हो जाएंगे। विमानवाहक जहाज आईएनएस विराट की विदाई के बाद ये अहम रिटायरमेंट है। ये भारतीय नौसेना के सबसे ताकतवर विमानों में एक रहे हैं। 30,000 घंटे की दुर्घटनामुक्त उड़ान के साथ इनके बेड़े ने खास पहचान बनाई है। टीयू 142 एम की जगह अब मिसाइलों, रॉकेटों और टॉरपीडो से लैस 12 पी-8 आई विमान लेंगे, जिनमें से 8 की अमेरिका से सप्लाई हो चुकी है।
टीयू 142 एम 4 शक्तिशाली इंजनों के साथ दुनिया में सबसे बड़ा और तेज टर्बोप्रॉप विमान बना रहा। ऐसा कहा जाता है कि दुश्मन के लिए इसे रोकना बेहद मुश्किल है। लंबी दूरी के हथियारों और सेंसर के साथ यह दुनियाभर में सबसे ताकतवर प्लैटफार्मों में से एक है।
इसे तमिलनाडु में अराककोनाम स्थित नौसेना वायु स्टेशन आईएनएस राजली में आयोजित विशेष समारोह में विदा किया जाएगा। इसके योगदान की पहचान के लिए एक डिस्प्ले एयरक्राफ्ट का भी उद्घाटन नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा करेंगे।
1988 से तत्कालीन सोवियत संघ से आठ टीयू 142 एम भारतीय नौसेना में शामिल किए गए। फिलहाल, इनमें तीन ऑपरेशनल बताए जाते हैं। इनके सेंसर और वेपन सिस्टम समय के साथ पुराने पड़ गए हैं। मेटिनेंस खर्चीला होने के साथ पुर्जों की उपलब्धता की भी समस्या है।
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