• ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले बीएस-3 मानक के वाहनों को सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी छूट देने से साफ इन्कार कर दिया है। बीएस-3 मानक वाले वाहनों को कुछ और समय तक बेचने की ऑटो निर्माता कंपनियों और डीलरों की मांग ठुकराते हुए कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि पहली अप्रैल 2017 से बीएस-3 मानक वाले नए वाहनों की बिक्री नहीं होगी।
• ऐसी गाड़ियों का पंजीयन भी तभी होगा जब इसका सुबूत हो कि गाड़ी 31 मार्च तक खरीदी गई है। पहली अप्रैल से पूरे देश में सिर्फ बीएस-4 मानक पूरा करने वाले ही दोपहिया, तिपहिया, चौपहिया या कॉमर्शियल वाहन बेचे जाएंगे या पंजीकृत किए जाएंगे।
• न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने बढ़ते वायु प्रदूषण और उससे आम जनता की सेहत को होने वाले नुकसान का ख्याल रखते हुए ये आदेश सुनाया है। कोर्ट के इस फैसले ने उन वाहन कंपनियों के लिए बड़ी मुसीबत पैदा कर दी है जिनके पास बीएस-3 मानक वाले काफी वाहन हैं।
• कोर्ट ने कहा कि बीएस-3 वाहनों से सड़क का उपयोग करने वाले लाखों लोगों की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। देश में कुल वाहनों की तुलना में इन वाहनों की संख्या कम हो सकती है, लेकिन कंपनियों के व्यवसायिक हित और उन्हें होने वाले नुकसान की तुलना में लोगों की सेहत कहीं यादा महत्वपूर्ण है।
• अदालत की टिप्पणी, इस बात से वाकिफ थीं कंपनियां : अदालत ने कहा कि वाहन निर्माता कंपनियां इस बात से पूरी तरह वाकिफ थीं कि एक अप्रैल 2017 से उन्हें सिर्फ बीएस-4 मानक के वाहनों का ही उत्पादन करना है लेकिन पता नहीं किस कारण से वे चुपचाप बैठी रहीं और इस ओर कदम नहीं बढ़ाया।
• कोर्ट ने आदेश दिया कि कोई भी वाहन निर्माता कंपनी और डीलर एक अप्रैल से बीएस-4 मानक पूरा न करने वाला वाहन भारत में नहीं बेचेगा और न ही ऐसा वाहन पंजीकृत किया जाएगा। कोर्ट फैसले के विस्तृत कारण बाद में देगा।
• इस मामले में केंद्र सरकार पहले ही सुप्रीम कोर्ट में कह चुकी थी कि बीएस-4 मानकों के वाहनों के लिए गुणवत्ता वाला ईंधन एक अप्रैल 2017 से उपलब्ध होगा।
• कंपनियों की दलील, नहीं किया नियम का उल्लंघन : ऑटो निर्माता कंपनियों और डीलरों ने सुप्रीम कोर्ट मं अर्जी दाखिल कर कहा था कि स्टॉक में रखे बीएस-3 मानक के वाहनों को बेचने की अनुमति दे दी जाए। उन्होंने नियम का उल्लंघन नहीं किया है।
• नियम के मुताबिक वे 31 मार्च तक बीएस-3 वाहनों का उत्पादन कर सकते हैं और उन्होंने वही किया। इसलिए एक अप्रैल से बीएस-3 मानक के वाहनों की बिक्री और पंजीकरण पर रोक न लगाई जाए। स्टॉक में रखे वाहनों को बेचने की अनुमति नहीं दी गई तो तो उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। जबकि, न्यायमित्र ने कंपनियों का विरोध करते हुए कहा कि लोगों की सेहत और व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए 31 मार्च के बाद बीएस-3 मानक के वाहनों की बिक्री की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। इन वाहनों से यादा प्रदूषण होता है और देश में वायु प्रदूषण का स्तर पहले ही काफी चिंताजनक स्तर पर है।
*******
Comments
Post a Comment