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पहले ‘बिम्‍सटेक बंदरगाह’ सम्‍मेलन का उद्घाटन

जहाजरानी राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री मनसुख मंडाविया आंध्र प्रदेश के  विशाखापत्तनम, में कल पहले ‘बिम्‍सटेक बंदरगाह’ सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। यह सम्‍मेलन 7-8 नवम्‍बर को आयोजित किया जा रहा है।

बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (बिम्‍सटेक) एक अंतर्राष्‍ट्रीय संगठन है, जिसमें दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के देश, भारत, बांग्‍लादेश, म्‍यामांर, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल शामिल हैं। सम्‍मेलन में इन देशों के क्षेत्रीय बंदरगाहों के प्रतिनिधि हिस्‍सा लेंगे।

उम्‍मीद है कि सम्‍मेलन में आयात-निर्यात तथा तटीय जहाजरानी को प्रोत्‍साहित कर आर्थिक सहयोग बढ़ाने की संभावना का पता लगाया जाएगा। सम्‍मेलन में विभिन्न निवेश के अवसरों और बंदरगाहों पर उत्पादकता और सुरक्षा के लिए अपनाए गए बेहतरीन तौर-तरीकों पर भी चर्चा की जाएगी। सभी सात सदस्‍य देशों के बंदरगाह क्षेत्र के साथ-साथ व्यापार और विभिन्न जहाजरानी संघों के वरिष्ठ अधिकारी भी इस दो दिवसीय सम्मेलन में भाग लेंगे।

सम्‍मेलन के दौरान पांच सत्र होंगे। पहला सत्र बंदरगाहों पर आधारित औद्योगिक और पर्यटन विकास पर होगा। इस सत्र का उद्देश्य क्षेत्र में पर्यटन को प्रोत्साहित करने और बंदरगाहों के करीब औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने पर चर्चा करना है। बिम्सटेक राष्ट्रों की विविध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत इसे पर्यटन के लिए एक आदर्श स्थान बनाती है, जिसमें जहाजों के जरिये पर्यटन को बढ़ावा देने में बंदरगाहों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

आपूर्ति श्रृंखलाओं की राष्ट्रीय सीमाओं से परे विस्तार की जरूरत होने लगी हैं इसके बड़ते दायरे की वजह से माल ढुलाई की गतिविधियों में भी वृद्धि हुई है, जिससे बंदरगाहों के मौजूदा बुनियादी ढांचे पर काफी दबाव बनने लगा है। ऐसे में उपलब्ध स्थान, संसाधनों, समय और ऊर्जा का दक्षता के साथ इस्‍तेमाल और उत्पादकता बढ़ाने के लिए को अधिकतम करने के लिए नए तकनीकी समाधानों को अपनाना समय की आवश्यकता है। दूसरा पैनल सत्र वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बंदरगाहों की बढ़ती भूमिका पर होगा। इस सत्र का उद्देश्य विस्तार आपूर्ति श्रृंखलाओं की पृष्ठभूमि और उपलब्ध समाधानों की पृष्ठभूमि में बंदरगाहों और टर्मिनलों की उभरती भूमिका पर चर्चा करना है।

पहले दिन का अंतिम सत्र ‘सुरक्षित और संरक्षित बंदरगाह’ विषय पर होगा।  इस सत्र का उद्देश्य उभरते खतरों और सुरक्षा खतरों पर चर्चा करना है, क्योंकि बंदरगाहों से न केवल महत्वपूर्ण व्यावसायिक हित जुड़े होते हैं, बल्कि यह रणनीतिक रूप से देश की महत्‍वपूर्ण सम्‍पत्ति भी हैं।

सम्‍मेलन के दूसरे दिन, चौथा सत्र ‘पोर्ट्स सर्विसेज: डिलीवरिंग वैल्यू’ पर होगा। इसका उद्देश्‍य  कारोबारी सुगमता के लिए उठाए गए विभिन्‍न कदमों पर चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करना है। इसमें अंतिम सत्र 'ग्रीन पोर्ट ऑपरेशंस' अर्थात् पर्यावरण अनुकूल बंदरगाह संचालन पर होगा। जलवायु परिवर्तन की समस्‍या से निपटने के लिए पर्यावरण और पेरिस समझौते के प्रति प्रतिबद्धता के मद्देनजर, बंदरगाहों पर एक स्थायी संचालन मॉडल अपनाने पर जोर दिया जाएगा। इस सत्र में ग्रीन पोर्ट ऑपरेशंस ’को अपनाने के लिए उपलब्ध तकनीकों और समाधानों पर भी चर्चा की जाएगी।

सम्मेलन में, पोर्ट अथॉरिटी ऑफ थाईलैंड (रानोंग पोर्ट) के साथ विशाखापत्तनम, कोलकाता और चेन्नई के बंदरगाहों के बीच व्यापार सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है।

बिम्‍सटेक एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसमें बंगाल की खाड़ी क्षेत्र और आसपास के सात देश शामिल हैं, जो एक क्षेत्रीय एकता का प्रतिनिधित्‍व करते हैं। बिम्सटेक का उद्देश्य क्षेत्रीय संसाधनों और भौगोलिक लाभ का उपयोग करके आम हित के विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग के साथ व्यापार में तेजी लाना और विकास को गति देना है।

8 नवंबर 2019 की सुबह, श्री मंडाविया विशाखापट्टनम में बिम्सटेक प्रतिभागियों के साथ-साथ स्थानीय छात्रों और बंदरगाह के कर्मचारियों आदि के साथ एक समुद्र तट सफाई अभियान में भी भाग लेंगे।

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