Skip to main content

भारतीय नौसेना और इंडोनेशियाई नौसेन का समुद्री युद्धाभ्यास ‘समुद्र शक्ति’

भारतीय नौसेना और इंडोनेशियाई नौसेना के समुद्री युद्धाभ्यास ‘समुद्र शक्ति’ 06 नवंबर से 07 नवंबर, 2019 तक आयोजित किया जा रहा है। इसमें भारतीय नौसेना का पनडुब्बी रोधी युद्धक कॉरवेट - आईएनएस कामोरता  और इंडोनेशियाई युद्धक जहाज केआरआई उस्मान हारून भाग ले रहे हैं। इस संयुक्त युद्धाभ्यास में आपसी तालमेल, भू-तल पर युद्धाभ्यास, वायु में रक्षा अभ्यास, हथियार फायरिंग ड्रिल, हेलिकॉप्टर संचालन एवं बोर्डिंग ऑपरेशन शामिल हैं।

‘समुद्र शक्ति’ युद्धाभ्यास के आयोजन में हिस्सा लेने के लिए केआरआई उस्मान हारून 04 नवंबर, 2019 को विशाखापत्तनम पहुंचा। इसका समुद्र तटीय चरण 04 और 05 नवंबर को संपन्न हुआ था। इसमें विषय-वस्तु विशेषज्ञ द्वारा आदान-प्रदान के रूप में पेशेवर बातचीत, डेक के आर-पार दौरा, सिमुलेटर ड्रिल, सम्मेलनों की योजना तैयार करना, खेलकूद आयोजन एवं सामाजिक वार्तालाप शामिल हैं।  

भारत में इंडोनेशिया के राजदूत सिधार्तो रेजा सुर्योदीपूरो ने विशाखापत्तनम में समुद्र तटीय चरण की कुछ गतिविधियों को देखा। राजदूत ने क्षेत्र में परस्पर समुद्री हित से जुड़े मुद्दों पर इंडोनेशियाई फ्लिट कमान के सुरक्षा टॉस्क फोर्स के कमांडर सीएमडीई यायान सोफियान के नेतृत्व में इंडोनेशियाई नौसेना प्रतिनिधिमंडल के साथ फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग–इन–चीफ वाइस एडमिरल अतुल कुमार जैन के साथ विचार-विमर्श किया।

Comments

Popular posts from this blog

Developing proper feedback mechanisms can help take right decisions: PM

भारत के संविधान की मूल प्रति

1950 :: भारत के संविधान की मूल प्रति में  अर्जुन को  भगवद्गीता का ज्ञान देते हुए  भगवान कृष्ण की छवि ।। ।। राम राम ।।

जर्मनी की चांसलर ने राष्‍ट्रपति से मुलाकात की

जर्मनी की चांसलर डॉ. एंजेला मर्केल ने आज (01 नवम्‍बर ,  2019) राष्‍ट्रपति भवन में राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। भारत में जर्मनी की चांसलर का स्‍वागत करते हुए राष्‍ट्रपति ने कहा कि जर्मनी और भारत के बीच मजबूत वाणिज्यिक संबंध हैं और यूरोपीय संघ और भारत के बीच एक व्‍यापक व्‍यापार एवं निवेश के क्षेत्र में संतुलित समझौते को जल्‍द लागू करने के लिए यूरोपीय संघ के भीतर प्रयासों में तेजी लाने में जर्मनी के समर्थन को भारत महत्‍वपूर्ण मानता है। इससे दोनों पक्षों के व्‍यापारिक समुदाय को न केवल मजबूत और सकारात्‍मक संकेत मिलेगा ,  बल्कि भारत एवं जर्मनी के बीच व्‍यापार एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा। राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच वैश्विक साझेदारी में अच्‍छी प्रगति हो रही है। बहुपक्षीय और बहुध्रुवीय व्‍यवस्‍था को मजबूत करने के लिए हमें एक साथ मिलकर काम करना चाहिए। भारत और जर्मनी पुनर्गठित संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की स्‍थायी सदस्‍यता के लिए अधिकृत दावेदार हैं। इसके संदर्भ में ,  जी-4 के हिस्‍से के रूप में हमारा सहयोग महत्‍वपूर्ण है। राष्‍ट्रपति

ads1