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4000 करोड़ की संपत्ति जप्त पीएमसी बैंक की

प्रवर्तन निदेशालय ने पंजाब महाराज सहकारी बैंक पीएमसी जिसे कहते हैं किस बैंक की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच के सिलसिले में लगभग 4000 करोड़ रुपए की संपत्ति जप्त कर ली है और कुछ की पहचान की है जांच एजेंसी एचडीआईएल तथा इसके निदेशकों मालिकों बैंक अधिकारियों और अन्य लोगों की कई संपत्तियों की कीमत निर्धारित कर रहा है प्रवर्तन निदेशालय मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दायर एफआईआर के आधार पर मामले की जांच कर रहा है।

निदेशालय ने जांच के सिलसिले में इस महीने के शुरू में कई ठिकानों पर छापा मारा था इस बैंक में जो धोखाधड़ी हुई है उस आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमसी बैंक में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 4000 करोड़ रुपए की संपत्ति जप्त कर ली है क्योंकि इसमें गरीब लोगों का पैसा लगा हुआ था और हाल ही में पता चला था कि इस बैंक में  अनियमितता के मामले पाए गए थे।

जिसके आधार पर इस बैंक में कार्रवाई हो रही है कई सारे बैंकों में इस तरह की समस्याएं लगातार आ रही है अभी कुछ दिन पहले भी हम लोगों ने एक बैंक के बारे में सुना था उसके बाद फिर इस बैंक का इस तरह से आना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है सरकार को चाहिए कि वह इसके लिए कुछ कड़े कदम और व्यवस्थित सिस्टम तैयार करें ताकि भविष्य में इस तरह के जो मामले बैंक की तरफ से आ रहे हैं वह बंद हो सके और भारतीय नागरिकों का जो बैंकों में धन है वह सुरक्षित हो सके ।

बहुत सारे लोग बैंकों की कमियों का फायदा उठाकर बैंक के साथ धोखाधड़ी कर रहा है इसलिए सरकार को चाहिए कि इन सभी चीजों को जल्द से जल्द दुरुस्त करें क्योंकि लोगों का भरोसा बैंकों में है और बैंक जब तक बेहतर काम करेंगे तब तक लोगों का और भरोसा बढ़ेगा लेकिन इस तरह की अनियमितता आने पर लोगों के अंदर बैंकों के प्रति विश्वास कम होता है जो ठीक नहीं है।

भारत की अर्थव्यवस्था के लिए उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार जल्द ही इन सभी मामलों के लिए कुछ कठोर और ठोस कदम उठाएगी जिससे आगे चलकर इस तरह की बैंक में होने वाली समस्याओं से निदान पाया जा सकेगा और भविष्य में इस तरह की किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा

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