Skip to main content

अन्ना हजारे के जीवन से मिलने वाली शिक्षाएं

अन्ना हजारे के जीवन से मिलने वाली पूछा है

पहला है अन्ना हजारे ने समाज में व्याप्त अनेक बुराइयों के खिलाफ आंदोलन किया तथा कहा कि मुझे मेरे देश पर पूरा भरोसा है इस सरकार मतलब उस समय जो सरकार थी उसके बारे में उन्होंने कहा है कि इस सरकार ने देश को लूटा है अब हम अब सा नमक शांति से तभी बैठेंगे जब देश के ब्रेस्ट आचार खत्म हो जाएगा उनके इस विचार से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि किसी भी समस्या के लिए एकजुट होकर सामना करना चाहिए और तब तक करना चाहिए जब तक हम उस समस्या का समाधान प्राप्त ना कर लें

दूसरा नंबर है उनका युवाओं के लिए सबसे प्रभावी कथन यह है कि वह जो अपने लिए जीते हैं वह मर जाते हैं वह जो समाज के लिए मरते हैं वह सदैव जिंदा रहते हैं अर्थात इस कथन की अवधारणा यह अवधारणा है कि हमें अपने साथ-साथ समाज की भलाई पर विशेष बल देना चाहिए ताकि भविष्य में एक बेहतर समाज की स्थापना की जा सके और हम अपने जीवन को मत पूरी स्थान दे सकें।

Comments

Popular posts from this blog

Developing proper feedback mechanisms can help take right decisions: PM

भारत के संविधान की मूल प्रति

1950 :: भारत के संविधान की मूल प्रति में  अर्जुन को  भगवद्गीता का ज्ञान देते हुए  भगवान कृष्ण की छवि ।। ।। राम राम ।।

जर्मनी की चांसलर ने राष्‍ट्रपति से मुलाकात की

जर्मनी की चांसलर डॉ. एंजेला मर्केल ने आज (01 नवम्‍बर ,  2019) राष्‍ट्रपति भवन में राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। भारत में जर्मनी की चांसलर का स्‍वागत करते हुए राष्‍ट्रपति ने कहा कि जर्मनी और भारत के बीच मजबूत वाणिज्यिक संबंध हैं और यूरोपीय संघ और भारत के बीच एक व्‍यापक व्‍यापार एवं निवेश के क्षेत्र में संतुलित समझौते को जल्‍द लागू करने के लिए यूरोपीय संघ के भीतर प्रयासों में तेजी लाने में जर्मनी के समर्थन को भारत महत्‍वपूर्ण मानता है। इससे दोनों पक्षों के व्‍यापारिक समुदाय को न केवल मजबूत और सकारात्‍मक संकेत मिलेगा ,  बल्कि भारत एवं जर्मनी के बीच व्‍यापार एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा। राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच वैश्विक साझेदारी में अच्‍छी प्रगति हो रही है। बहुपक्षीय और बहुध्रुवीय व्‍यवस्‍था को मजबूत करने के लिए हमें एक साथ मिलकर काम करना चाहिए। भारत और जर्मनी पुनर्गठित संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की स्‍थायी सदस्‍यता के लिए अधिकृत दावेदार हैं। इसके संदर्भ में ,  जी-4 के हिस्‍से के रूप में हमारा सहयोग महत्‍वपूर्ण है। राष्‍ट्रपति

ads1