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उप्र में 36,359 करोड़ का फसली कर्ज माफ



• किसानों के लिए मंगलवार सचमुच मंगलकारी रहा। सुबह मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को सूखा प्रभावित किसानों के कर्ज माफ करने को कहा, तो शाम होते-होते उत्तर प्रदेश सरकार ने छोटे किसानों के एक लाख तक के फसली कर्ज माफ करने का एलान कर दिया। रात तक महाराष्ट्र से भी ऐसे संकेत मिलने लगे। वहां के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने संकेत दिए कि महाराष्ट्र में भी भाजपानीत सरकार किसानों की कर्जमुक्ति पर विचार कर रही है। कई अन्य राज्यों में भी इस तरह मांग तेज हो गई है। 

• लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई वाली नवनिर्वाचित भाजपा सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में ही बड़ा फैसला लेकर किसानों से किया चुनावी वादा पूरा कर दिया। लघु और सीमांत किसानों को कर्जमाफी की सौगात देते हुए प्रदेश सरकार ने उनका एक लाख रुपये तक का फसली ऋण माफ कर दिया। साथ ही साथ उन किसानों का पूरा कर्ज माफ कर दिया है, जिन्हें बैंकों ने एनपीए (फंसे कर्ज) घोषित कर दिया था। 

• सरकार ने फसली ऋण के लिए 30,729 करोड़ और एनपीए ऋण के लिए 5630 करोड़ यानी कुल 36,359 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।1कैबिनेट मीटिंग के बाद सरकार के प्रवक्ता व मंत्री श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि 31 मार्च 2016 तक लघु व सीमांत किसानों को जितना भी फसली ऋण दिया गया है, 31 मार्च 2017 को उसकी बकाया रकम माफ कर दी गई है। शर्त यह है कि ऋण माफी की अधिकतम सीमा एक लाख रुपये तक होगी। 

• इसी तरह किसानों के एनपीए ऋणों को एकमुश्त समाधान योजना के तहत राज्य सरकार की वित्तीय सहायता से राइट ऑफ किया जाएगा। इस अदायगी से सात लाख किसान फिर से बैंकिंग सेवाओं का लाभ ले सकेंगे, जिन्हें ऋण अदायगी न होने के कारण बैंकों ने ऋण देना बंद कर दिया था। मंत्री द्वय ने बताया कि इस योजना से 86 लाख से अधिक उन लघु व सीमांत किसानों को लाभ होगा, जिन्होंने ऋण ले रखा है। 

• ऋणमाफी में सभी बैंकों से लिया गया ऋण शामिल होगा। 

• ढाई एकड़ तक सीमांत किसान : एक हेक्टेयर यानी 2.50 एकड़ तक के सभी किसान सीमांत श्रेणी में आएंगे। दो हेक्टेयर यानी पांच एकड़ तक के सभी किसान लघु श्रेणी में आएंगे। प्रदेश के कुल 2.30 करोड़ किसानों में से 92.5 फीसद यानी 2.15 करोड़ किसान लघु व सीमांत श्रेणी में हैं। इनमें से 86.68 लाख को एनपीए पूरा माफ होने का लाभ मिलेगा।

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