Skip to main content

कारोबार में भ्रष्टाचार के लिहाज से भारत की स्थिति में हुआ सुधार



• कारोबार में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के लिहाज से भारत को 41 देशों की सूची में नौवें स्थान पर रखा गया है। पहले की तुलना में उसकी स्थिति सुधरी है। 2015 में भारत सूची में छठे पायदान पर था। ईवाई यूरोप, मध्य पूर्व, भारत और अफ्रीका (ईएमईआइए) फ्रॉड सर्वे 2017 में यह निष्कर्ष निकाला गया है। इस सर्वे में भारत से शामिल करीब 78 फीसद प्रतिक्रिया देने वालों ने कहा कि कारोबार में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार आम बात है। 

• इस लिहाज से भारत को यूक्रेन, साइप्रस, ग्रीस, स्लोवेनिया, क्रोएशिया, केन्या, दक्षिण अफ्रीका और हंगरी के बाद नौवें पायदान पर रखा गया है।12015 के सर्वे की तुलना में भारत की रैंकिंग में सुधार बेहतर विनियामक जांच और पारदर्शिता व प्रशासन पर जोर का नतीजा है। ईवाई इंडिया के पार्टनर व नेशनल लीडर अरपिंदर सिंह ने कहा कि भारतीय कंपनियों में भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी को लेकर सोच में थोड़ा ही लेकिन सकारात्मक बदलाव आता दिख रहा है। 

• वैसे, कार्यस्थल पर जेनरेशन वाय (सामान्य तौर पर 1980-90 के दशक में जन्मे लोगों के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है) के बीच अनैतिक व्यवहार एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। 

• ईएमईआइए) फ्रॉड सर्वे रिपोर्ट कहती है कि कारोबारी माहौल में अनिश्चितता, वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए बढ़ता दबाव और अभूतपूर्व करियर ग्रोथ को हासिल करने की आकांक्षाएं कार्यस्थल पर अनैतिक व्यवहार अपनाने के लिए जिम्मेदार हैं। 1सर्वे में 41 फीसद उत्तर देने वाले भारतीयों ने कहा कि वे खुद के करियर को आगे बढ़ाने के लिए अनैतिक कार्य करने के लिए तैयार हैं। 

• जबकि 13 फीसद लोगों ने कहा कि वे अपना करियर या वेतन आगे बढ़ाने के लिए गलत जानकारी देने को तैयार हैं। दुनियाभर में प्रतिक्रिया देने वाले प्रत्येक पांच में से एक व्यक्ति ने कहा कि वह करियर के लिए अनैतिक कदम उठाने के लिए तैयार होगा। 


• उसे इसमें कोई दिक् कत महसूस नहीं होगी।41 देशों की सूची में छठे से नौवें पायदान पर पहुंचा, भारतीय कंपनियों में सकारात्मक बदलाव आया

*******

Comments

Popular posts from this blog

Developing proper feedback mechanisms can help take right decisions: PM

भारत के संविधान की मूल प्रति

1950 :: भारत के संविधान की मूल प्रति में  अर्जुन को  भगवद्गीता का ज्ञान देते हुए  भगवान कृष्ण की छवि ।। ।। राम राम ।।

जर्मनी की चांसलर ने राष्‍ट्रपति से मुलाकात की

जर्मनी की चांसलर डॉ. एंजेला मर्केल ने आज (01 नवम्‍बर ,  2019) राष्‍ट्रपति भवन में राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। भारत में जर्मनी की चांसलर का स्‍वागत करते हुए राष्‍ट्रपति ने कहा कि जर्मनी और भारत के बीच मजबूत वाणिज्यिक संबंध हैं और यूरोपीय संघ और भारत के बीच एक व्‍यापक व्‍यापार एवं निवेश के क्षेत्र में संतुलित समझौते को जल्‍द लागू करने के लिए यूरोपीय संघ के भीतर प्रयासों में तेजी लाने में जर्मनी के समर्थन को भारत महत्‍वपूर्ण मानता है। इससे दोनों पक्षों के व्‍यापारिक समुदाय को न केवल मजबूत और सकारात्‍मक संकेत मिलेगा ,  बल्कि भारत एवं जर्मनी के बीच व्‍यापार एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा। राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच वैश्विक साझेदारी में अच्‍छी प्रगति हो रही है। बहुपक्षीय और बहुध्रुवीय व्‍यवस्‍था को मजबूत करने के लिए हमें एक साथ मिलकर काम करना चाहिए। भारत और जर्मनी पुनर्गठित संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की स्‍थायी सदस्‍यता के लिए अधिकृत दावेदार हैं। इसके संदर्भ में ,  जी-4 के हिस्‍से के रूप में हमारा सहयोग महत्‍वपूर्ण है। राष्‍ट्रपति

ads1