Skip to main content

सुषमा स्वराज ने कहा गिलगिट-बाल्टिस्तान समेत पूरा कश्मीर हमारा



• कश्मीर पर अमेरिका के दशकों पुराने रुख में आए बदलाव को भांपते हुए भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि गुलाम कश्मीर और गिलगिट-बाल्टिस्तान समेत पूरा कश्मीर हमारा है। इसमें किसी को संदेह नहीं होना चाहिए। 

• विदेश मंत्री सुषमा स्वराज बुधवार को वैसे तो लोकसभा में गिलगिट और बाल्टिस्तान को पाकिस्तान द्वारा अपना पूर्ण राज्य बनाने से जुड़े सवाल का जवाब दे रही थीं। लेकिन उनके निशाने पर कहीं-न-कहीं अमेरिका भी था। स्वराज ने कहा कि पूरा कश्मीर भारत का है। यह किसी को सोचना भी नहीं चाहिए कि भारत अपने किसी हिस्से को यूं ही जाने देगा।

• स्वराज ने कहा कि पूरा कश्मीर भारत का हिस्सा है। यह न सिर्फ इस संसद की तरफ से पारित प्रस्ताव है, बल्कि भाजपा का संकल्प भी है। गिलगिट और बाल्टिस्तान को पूर्ण राज्य बनाने की पाकिस्तान की कोशिशों के बारे में जिस दिन खबर आई, हमने बिना समय गंवाए उसे खारिज किया। 

• सरकार पर जरा सा भी इस बात के लिए शक नहीं किया जाना चाहिए कि यह किसी भी हिस्से को जाने देगी।

• इससे पहले बीजू जनता दल के भर्तृहरि महताब ने पाकिस्तान द्वारा गुलाम कश्मीर के इलाकों को अपने पांचवें राज्य के रूप में मान्यता देने के प्रयास का मामला उठाया। उन्होंने जानना चाहा कि क्या सरकार ने पाकिस्तान के इस कदम पर उचित तरीके से जवाब दिया है? 

• एक दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा है कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव खत्म करने के लिए सक्रियता से बीच-बचाव करना चाहता है। इसका अर्थ यह लगाया जा रहा है कि कश्मीर पर अमेरिका मध्यस्थता करने की कोशिश में है। यह पिछले दो दशकों की अमेरिका की नीति के विपरीत है। 

• भारतीय विदेश मंत्रलय ने इस पर मंगलवार को ही बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी है। उसने साफ तौर पर कहा है कि हम इस मामले में किसी भी पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेंगे, इस मामले में हमारा रुख पहले से पूरी तरह साफ है।आज जस पार्टी की सरकार है, उसका तो नारा ही रहा है-जहां हुए बलिदान मुखर्जी, वो कश्मीर हमारा है। जो कश्मीर हमारा है, वो सारा का सारा है। हम संकल्प को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

• स्वराज का बयान दो लिहाज से महत्वपूर्ण है। पहला यह कि पाकिस्तान कश्मीर मसले को लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की कोशिश कर रहा है। 

• दूसरा, अमेरिका की तरफ से इस बात के संकेत दिए गए हैं कि वह कश्मीर पर मध्यस्थता करने को तैयार है, जिसका भारत विरोध करता रहा है। 

• ऐसे में सुषमा ने सभी को याद दिलाने की कोशिश की है कि भारत कश्मीर को सिर्फ अपने एक अंदरूनी हिस्से के तौर पर देखता है।

*******

Comments

Popular posts from this blog

Developing proper feedback mechanisms can help take right decisions: PM

भारत के संविधान की मूल प्रति

1950 :: भारत के संविधान की मूल प्रति में  अर्जुन को  भगवद्गीता का ज्ञान देते हुए  भगवान कृष्ण की छवि ।। ।। राम राम ।।

जर्मनी की चांसलर ने राष्‍ट्रपति से मुलाकात की

जर्मनी की चांसलर डॉ. एंजेला मर्केल ने आज (01 नवम्‍बर ,  2019) राष्‍ट्रपति भवन में राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। भारत में जर्मनी की चांसलर का स्‍वागत करते हुए राष्‍ट्रपति ने कहा कि जर्मनी और भारत के बीच मजबूत वाणिज्यिक संबंध हैं और यूरोपीय संघ और भारत के बीच एक व्‍यापक व्‍यापार एवं निवेश के क्षेत्र में संतुलित समझौते को जल्‍द लागू करने के लिए यूरोपीय संघ के भीतर प्रयासों में तेजी लाने में जर्मनी के समर्थन को भारत महत्‍वपूर्ण मानता है। इससे दोनों पक्षों के व्‍यापारिक समुदाय को न केवल मजबूत और सकारात्‍मक संकेत मिलेगा ,  बल्कि भारत एवं जर्मनी के बीच व्‍यापार एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा। राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच वैश्विक साझेदारी में अच्‍छी प्रगति हो रही है। बहुपक्षीय और बहुध्रुवीय व्‍यवस्‍था को मजबूत करने के लिए हमें एक साथ मिलकर काम करना चाहिए। भारत और जर्मनी पुनर्गठित संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की स्‍थायी सदस्‍यता के लिए अधिकृत दावेदार हैं। इसके संदर्भ में ,  जी-4 के हिस्‍से के रूप में हमारा सहयोग महत्‍वपूर्ण है। राष्‍ट्रपति

ads1