योजना का उद्देश्य:
योजना का उद्देश्य एमएसएमई की स्थापना के लिए और साथ ही मौजूदा एमएसएमई उद्यमों की संवृद्धि के अवसरों के उपयोग हेतु अपेक्षित ऋण-ईक्विटी अनुपात पूरा करने के लिए अर्द्ध-ईक्विटी के रूप में सुलभ ऋण तथा अपेक्षाकृत लचीली शर्तों पर सावधि ऋण उपलब्ध कराना है।
लक्ष्यगत एमएसएमई क्षेत्र:
योजना का केंद्रीय लक्ष्य ‘मेक इन इंडिया’ गतिविधि के नीचे सूचीबद्ध सभी चिह्नित 25 क्षेत्र तथा इनमें बाद में जोड़े जाने वाले अन्य क्षेत्र होंगे।
मेक इन इंडिया संबंधी क्षेत्र:-
ऑटोमोबाइलऑटोमोबाइल घटक/पुर्जेविमाननजैव -प्रौद्योगिकीरसायननिर्माणरक्षा विनिर्माणवैद्युत मशीनेंइलेक्ट्रॉनिक प्रणालियाँखाद्य प्रसंस्करणसूचना प्रौद्योगिकी और बीपीएमचमड़ामीडिया और मनोरंजनखननतेल एवं गैसफार्मास्यूटिकलपत्तनरेलवेअक्षय /नवीकरणीय ऊर्जासड़क एवं राजमार्गअंतरिक्षकपड़ा एवं वस्त्रताप ऊर्जापर्यटन एवं सत्कारस्वास्थ्य रक्षा
पात्र उद्यम:
विनिर्माण एवं सेवाक्षेत्र की नई इकाइयों को शामिल करने पर बल दिया जाएगा।
नए उभरते अवसरों का लाभ उठाने के लिए विस्तार करने वाले तथा अपने व्यवसाय की संवृद्धि के लिए आधुनिकीकरण, प्रौद्योगिकी उन्नयन करने वाले तथा अन्य ऐसे प्रस्ताव भी शामिल किए जाएँगे।
इस योजना के अंतर्गत दिए गए ऋणों का उपयोग पिछले ऋणों की चुकौती के लिए नहीं किया जा सकता है।
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