• केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रविवार को यहां कहा कि सरकार देश के ऐसे 200 जिलों में सुगमता अधिकारियों की नियुक्ति करेगी जहां 10 साल से अधिक पुराने मामले अदालतों में लंबित हैं। ये अधिकारी गरीबों के लिए सरकार और अदालतों से समन्वय स्थापित करेंगे और ऐसे मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालतों से कराने की दिशा में काम करेंगे।
• इलाहाबाद उच्च न्यायालय की स्थापना के 150 वर्ष पूरे होने के मौके पर सालभर चले कार्यक्रम के समापन समारोह में प्रसाद ने कहा, ‘‘देशभर में करीब ढाई लाख कॉमन सर्विस सेंटर हैं जिन्हें महिलाएं, हमारे नौजवान चलाते हैं और वहां पैन कार्ड, आधार कार्ड बनाए जाते हैं तथा बाकी डिजिटल सेवाएं दी जाती हैं।’ उन्होंने कहा, ‘‘हम एक अर्ध-विधि उद्यमी को प्रशिक्षित करेंगे और उसे सीएई के साथ जोड़ेगे।
• गरीब एवं उपेक्षित व्यक्ति को न्याय में सहयोग की जरूरत है, उसे मुकदमा से पूर्व कानूनी सलाह मिले, इसकी तैयारी हम करने वाले हैं। हम इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश के 200 कॉमन सर्विस सेंटर और बिहार के 200 कॉमन सर्विस सेंटर से पायलट आधार पर करने वाले हैं।’
• मंत्री ने कहा कि ई-कंप्यूटिंग के द्वितीय चरण के आधार पर जिला विधि सेवा प्राधिकरण, और तालुका विधि सेवा प्राधिकरण का भी कंप्यूटरीकरण किया जाएगा। ‘‘हम जल्द ही एक पोर्टल लांच करेंगे जिसमें ऐसे सारे वकीलों से अपना पंजीकरण कराने का आग्रह है जिनके दिल में कानूनी सहायता को लेकर दर्द है।
• नालसा के साथ मिलकर हम देश के कानूनी सहायता पाने के हकदार लोगों का एक डेटाबेस बनाएंगे। मुझे यह बताते हुए खुशी है कि यूएनडीपी ने स्वीकार किया है कि वह इंटरफेस बनकर कानूनी सहायता पाने वालों और कानूनी सहायता देने वालों के बीच समन्वय स्थापित करेगा।’
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