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अफ्रीका को विकास दर बढ़ाने के लिए चाहिए भारत की मदद




• अफ्रीकी नागरिकों पर भारत में हुए हमलों ने हालांकि माहौल को बिगाड़ा है, लेकिन भारत और अफ्रीकी देशों की एक-दूसरे पर काफी निर्भरता है। भारत अगर अफ्रीकी देशों से तेल और दाल समेत कई चीजें आयात करता है तो अफ्रीकी महाद्वीप के विकास की गति को तेज करने में उन्हें भारत की मदद चाहिए।

• अफ्रीका विकास बैंक (एएफडीबी) ने अफ्रीकी देशों के साथ मिलाकर एक योजना बनाई है जिसमें भारत की तकनीकी सहायता, आधारभूत ढांचा विकसित करने और प्रत्यक्ष पूंजी निवेश (एफडीआई) समेत अन्य सहयोग की बात शामिल है। 

• एएफडीबी के अध्यक्ष अकिनूमी एडिसिना ने भारत को इस विकास की मुहिम के लिए बड़ा भागीदार बताते हुए एएफडीबी के पांच सूत्रीय विकास एजेंडा में भारत की भागीदारी की बात कही। वर्तमान में अफ्रीका की विकास दर 3.4 फीसद है।एडिसिना ने ‘‘राष्ट्रीय सहारा’ को बताया कि एएफडीबी पांच प्राथमिकताओं पर फोकस कर रहा है जो अफ्रीका के आर्थिक कायापलट के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। इसमें रोशन और ऊर्जामय अफ्रीका, पोषित अफ्रीका, उद्योगमय अफ्रीका, एकीकृत अफ्रीका और बेहतर जीवनशैली वाला अफ्रीका शामिल है।

•  एडिसिना ने कहा कि बेतहर जीवन शैली के लिए साफ-सफाई, शहरी गृह निर्माण और उच्च शिक्षा महत्वपूर्ण है जिसके लिए भारत महत्वपूर्ण सहयोगी हो सकता है। भारत ने 50 हजार अफ्रीकी छात्रों को भारत में उच्च शिक्षा में मदद देने की बात कही थी। अफ्रीका ऊर्जा और कृषि के क्षेत्र में विशेष मदद चाहता है जिसमें रिन्यूएबल और नॉन-रिन्यूएबल दोनों ऊर्जा श्रोत शामिल है। 

• जहां तक कृषि का प्रश्न है तो अफ्रीका का 65 फीसद क्षेत्र गैरसिंचित है और सिंचाई साधन विकसित करने में भारत मददगार हो सकता है। इस मुहिम में भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्सिम बैंक) की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।


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